
‘मदर इंडिया’ में छोटा बिरजू बनकर मशहूर हुए थे साजिद खान।
‘मदर इंडिया’ का जब भी जिक्र होता है तो नरगिस दत्त, राज कुमार से लेकर सुनील दत्त के चेहरे दर्शकों के सामने आ जाते हैं। लेकिन, इस फिल्म में एक और स्टार था, जिसने खूब सुर्खियां और प्यार हासिल की। हम बात कर रहे हैं ‘मदर इंडिया’ के छोटे बिरजू की। मुंबई की झुग्गी-झोपड़ी से निकला एक स्टार, जिसने आगे चलकर हॉलीवुड तक का सफर तय किया। ‘मदर इंडिया’ में अभिनेता साजिद खान ने ‘छोटे बिरजू’ का किरदार निभाया था और एक चाइल्ड एक्टर के तौर पर हर किसी को अपने अभिनय से हैरान किया। ऑस्कर तक जाने वाली इस फिल्म ने सिर्फ साजिद खान को स्टार ही नहीं बनाया, बल्कि उनकी पूरी किस्मत पलटकर रख दी।
महबूब खान की जब साजिद खान पर पड़ी नजर
साजिद खान के एक स्टार बनने की कहानी भी किसी फिल्म से कम नहीं है। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला एक बच्चा, जिसने एक डायरेक्टर को अपने कॉन्फिडेंस से ऐसा इंप्रेस किया कि पहले तो इनकी फिल्म का कलाकार और फिर दत्तक पुत्र बन गया। मुंबई की झुग्गियों में रहने वाले साजिद खान को फिल्ममेकर महबूब खान ने महबूब स्टूडियो के बाहर देखा था, जो महबूब स्टूडियो के फाउंडर थे। महबूब खान, साजिद के कॉन्फिडेंस को देखकर इतने इंप्रेस हो गए कि उन्होंने उन्हें अपनी फिल्म ‘मदर इंडिया’ के लिए साइन कर लिया और गरीबी में जन्मे साजिद को स्टार बनाया।
महबूब खान के दत्तक पुत्र बने साजिद खान
‘मदर इंडिया’ में काम करते-करते महबूब खान, साजिद को अपने बेटे जैसा प्यार करने लगे और फिर महबूब खान और उनकी पत्नी सरदार अख्तर ने उन्हें अपने बेटे के रूप में गोद ले लिया। साजिद की जिंदगी संवारने के लिए महबूब खान ने साजिद को पढ़ाई के लिए अमेरिका भेज दिया, जहां उन्होंने “माया (1966)” में लीड रोल निभाकर लोगों के बीच सनसनी मचा दी।
गरीब परिवार में हुआ जन्म
साजिद खान का जन्म मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। लेकिन, उनकी जिंदगी तब बदल गई जब दिग्गज फिल्म निर्माता महबूब खान की नजर उन पर पड़ी। महबूब खान उन दिनों “मदर इंडिया” (1957) के लिए सुनील दत्त के किरदार बिरजू के बचपन के रोल के लिए एक शरारती चाइल्ड आर्टिस्ट की तलाश कर रहे थे। साजिद की सूझबूझ और चंचल स्वभाव ने महबूब खान का दिल जीत लिया और इस तरह उन्हें इस भूमिका के लिए चुन लिया गया। “मदर इंडिया” में साजिद के अभिनय ने उन्हें खूब तारीफें दिलाईं।
हॉलीवुड तक में बनाई पहचान
1957 में “मदर इंडिया” से अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले साजिद ने 1962 में महबूब खान की आखिरी फिल्म “सन ऑफ इंडिया” में मुख्य भूमिका निभाई, जिसका गाना “नन्हा मुन्हा राही हूं” आज भी मशहूर है। फिल्म व्यावसायिक रूप से तो सफल नहीं रही, लेकिन साजिद को उनके अभिनय के लिए एक बार फिर खूब तारीफें मिलीं। 1964 में महबूब खान के निधन के बाद उनकी पत्नी सरदार ने साजिद को आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेज दिया। इसी दौरान साजिद खान को 1966 में आई फिल्म “माया” में जे नॉर्थ की भूमिका से विदेशी सिनेमा में पहचान हासिल की। फिल्म की सफलता के बाद मेकर्स ने इसी नाम से एक टीवी सीरीज बनाई बनी, जो सितंबर 1967 से फरवरी 1968 तक एनबीसी पर प्रसारित हुई। 18 एपिसोड की इस सीरीज ने साजिद को “टीन आइडल” बना दिया और वे कई लोकप्रिय पत्रिकाओं के कवर पेज पर नजर आने लगे।
साजिद खान ने की थी दो शादियां
साजिद खान की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने दो शादियां की थीं। पहली शादी से उनका एक बेटा हुआ, जिसका नाम समीर है। कुछ सालों बाद साजिद, केरल आकर बस गए और यहां उन्होंने दूसरी शादी की। फिल्मों से दूर रहते हुए उन्होंने सोशल वर्क शुरू कर दिया और लंबे समय तक कैंसर की चपेट में रहने के बाद 22 दिसंबर 2023 को 71 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
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