Amit Shah, Eknath Shinde, Devendra Fadnavis- India TV Hindi

Image Source : TWITTER.COM/DEV_FADNAVIS
गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस।

मुंबई: गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई पहुंचे। आज रात अमित शाह 2024 के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में शिवसेना-BJP के ‘मिशन 45’ पर सिह्याद्रि गेस्ट हाउस में चर्चा करेंगे। इसके अलावा बैठक में BMC चुनाव पर भी चर्चा होगी। 16 अप्रैल यानी कि रविवार को समाज सुधारक के रूप में मशहूर दत्तात्रेय नारायण धर्माधिकारी, जिन्हें अप्पासाहेब धर्माधिकारी भी कहा जाता है, को ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार प्रदान करेंगे। यह पुरस्कार समारोह नवी मुंबई के खारघर क्षेत्र में कॉर्पोरेट पार्क में होगा।

अप्पासाहेब को दिया जाएगा ‘महाराष्ट्र भूषण’

अप्पासाहेब धर्माधिकारी, जिन्हें पहले ही 2017 में पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है, को अमित शाह के द्वारा 2022-23 में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार एक मेडल, एक स्मरण-पुस्तिका और 25 लाख रुपये की नकद राशि के साथ आता है। दिलचस्प बात यह है कि अप्पासाहेब के दिंवगत पिता डॉ. नारायण विष्णु धर्माधिकारी, जिन्हें नानासाहेब धर्माधिकारी के नाम से भी जाना जाता है, को भी  2008 में प्रशंसक और सुधारक के रूप में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया था।

जानिए, कौन हैं अप्पासाहेब धर्माधिकारी
अप्पासाहेब धर्माधिकारी को वृक्षारोपण, रक्तदान अभियान, मेडिकल शिविर, जेंडर और जनजाति के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा उन्होंने बच्चों को प्रशिक्षण देना, वयस्कों के लिए साक्षरता केंद्र चलाना, रोजगार मेलों का आयोजन करना, स्वच्छता को बढ़ावा देना, अंधविश्वास के खिलाफ लड़ना, नेशनल यूनिटी को बढ़ावा देना और लोगों को पारंपरिक और धार्मिक मूल्यों का उपदेश देना जैसे सामाजिक और समुदायिक विकास गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अप्पासाहेब ने ‘श्री बैठक’ नाम की उस परंपरा को 3 दशक से भी ज्यादा समय से जारी रखा है, जिसे अक्टूबर 1943 में रायगढ़ में उनके पिता डॉ. नानासाहेब धर्माधिकारी ने आरंभ किया था।

‘…और बन गया था ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’
दिसंबर 2013 में डॉ. नानासाहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान ने विश्व के सबसे बड़े चिकित्सा शिविर का आयोजन किया था, जिसमें 1,52,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। इसमें 1,571 डॉक्टर भी शामिल थे और इस आयोजन ने ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाया था। महाराष्ट्र और भारत के अलावा इस प्रतिष्ठान ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कतर और अन्य देशों में भी अपने अनुयायियों के निवास स्थानों पर विभिन्न सेवा शिविरों का आयोजन किया है।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version