पटना: विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गुस्से का सामना कर जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी सदन से बाहर निकले तो उन्होंने पत्रकारों के बीच अपना दर्द बयान किया। मांझी ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि नीतीश कुमार ऐसा बोलेंगे। नीतीश कुमार के दिमाग में कमजोरियां है जिसके चलते वो ऐसा बोल रहे हैं। मुझे लगता है वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
मानसिक संतुलन खो बैठे नीतीश-मांझी
जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से कहा कि जातिगत जनगणना में खामियां है, धरातल पर कोई गया ही नहीं। यही हम कहना चाहते थे। शैक्षणिक आरक्षण पर हमको बोलने का मौका दिया गया। हम बोल रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री बोलने लगे। मांझी ने कहा-नीतीश कुमार के दिमाग में कमजोरियां है जिसके चलते वो ऐसा बोल रहे हैं। उन्हें ध्यान रखना चाहिए 1985 में वो पहली बार विधायक बने जबकि हम 1980 में विधायक बन गए थे। मुख्यमंत्री 74 साल के हैं जबकि हम 80 साल के हैं। दरअसल वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
अपनी लाज बचाने के लिए मुझे सीएम बनाया था- मांझी
जीतन राम मांझी ने आगे कहा- जहां तक मुझे मुख्यमंत्री बनाने का सवाल है तो वह तो उन्होंने अपनी लाज बचाने के लिए एक सीधे-सादे आदमी को सीएम बना दिया। वे 2014 में बुरी तरह से हार गए थे। लाज बचाने के लिए मुझे सीएम बना दिया। दो महीने तक मैंने उनकी बात मानी। लेकिन बाद में मुझे रबड़ स्टाम्प कहा जाने लगा। फिर मैं अपनी मर्जी से चलने लगा तो मुझे हटा दिया और खुद सीएम बन गए।
नामर्दी छुपाने के लिए दलित पर वार-मांझी
इतना ही नहीं मांझी ने बात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा-नीतीश कुमार, अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया यह आपकी भूल है। जब जदयू विधायकों ने लतियाना शुरू किया तो उसके डर से आप कुर्सी छोड़कर भाग गए थे। अपनी नामर्दी छुपाने के लिए एक दलित पर ही वार कर सकते हैं,औकात है तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाईए जो आपका ऑपरेशन कर रहे थे।