संघ नेता इंद्रेश कुमार
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के बड़े नेता इंद्रेश कुमार को लोकसभा चुनाव में अहंकार की वजह से बीजेपी के खराब प्रदर्शन वाले अपने बयान पर यू टर्न लेना पड़ा है। इंद्रेश कुमार ने बीजेपी की कम सीटें आने को अहंकार का नतीजा बताया था। इंद्रेश कुमार ने कहा था कि जो लोग राम की पूजा करते थे। उनको बड़ा गुरूर आ गया था। इसीलिए भगवान राम ने उन्हें दंड दिया है। उनको बहुमत नहीं मिला। इंद्रेश कुमार के इस बयान पर बीजेपी के अंदर सियासी तूफान खड़ा हो गया था। विरोधियों ने भी बीजेपी पर हल्ला बोलना शुरू कर दिया था।
राम विरोधी आज भी सत्ता से बाहर
मामला बढ़ता देख संघ ने इस बयान से किनारा कर लिया और पल्ला झाड़ लिया। संघ के नेता इंद्रेश कुमार को भी अपने बयान से यू टर्न लेना पड़ा है। अब इंद्रेश कुमार ने कहा कि उनके कहने का बस इतना ही मतलब था कि देश में रामभक्तों की सरकार बनी है। रामविरोधी आज भी सत्ता से बाहर हैं।
केरल में संघ की समन्वय बैठक
बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक 31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल में आयोजित की गई है। हर साल यह बैठक सितंबर के महीने में आयोजित की जाती है। इस बैठक में आरएसएस एवं उसके सभी सहयोगी संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहते हैं। संघ के प्रमुख पदाधिकारी के साथ-साथ उसके सभी सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी इसमें भाग लेते हैं। तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक आपस में समन्वय में बढ़ाने की पर जोर दिया जाता है।
BJP के नेता होंगे शामिल
पिछले साल सितंबर में ये बैठक पुणे में की गई थी। RSS की सामान्य बैठक 31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल के पल्क्कड में होगी। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान मंच , राष्ट्रीय सेविका समिति जैसे सभी सहयोगी संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहते हैं।