Nawab Malik will contest elections on NCP ticket or as an independent candidate BJP opposed his cand- India TV Hindi

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एनसीपी के टिकट पर या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे नवाब मलिक

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होना है और 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच एनसीपी के मुखिया अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल ने आज नवाब मलिक से मुलाकात की है। यह मुलाकात नवाब मलिक के घर पर हुई है। बता दें कि नवाब मलिका के मानखुर्द शिवाजीनगर विधानसभा सीट से उनके चुनाव लड़ने को लेकर यह चर्चा की गई है। नवाब मलिक के निर्दलीय चुनाव लड़ने या फिर पार्टी के टिकट  पर चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा की गई है। बता दें कि महायुति के उम्मीदवार के तौर पर नवाब मलिक की उम्मीदवारी का भाजपा ने विरोध किया है। इस बीच नवाब मलिक समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक अबु आजमी के खिलाफ मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 

निर्दलीय या एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे नवाब मलिक

हालांकि अब तक यह तय नहीं हो सका है कि नवाब मलिक निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। इसपर 28 तारीख को फैसला लिया जाएगा। इसे लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, मैं 29 अक्तूबर को मानखुर्द शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करूंगा। जनता ने मुझसे यहां से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। मानखुर्द शिवाजी नगर में चल रही गुंडागर्दी और नशे के कारोबार से जनता बहुत परेशान है। जनता बदलाव चाहती है और मैं मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनाव लड़ूंगा और निश्चित रूप से मैं जीतूंगा। मुझे परवाह नहीं है कि कौन मेरा विरोध कर रहा है। जनता मेरा समर्थन कर रही है और मैं चुनाव लड़ूंगा।

नवाब मलिक से भाजपा ने किया किनारा

बता दें कि भाजपा नेता आशीष शेलार ने मंगलवार को कहा था कि उनकी पार्टी 20 नवंबर को होने वाली महाराष्ट्र विधानसबा चुनाव के लिए एनसीपी नेता नवाब मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ है। भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि हम डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी व्यक्ति को टिकट देना नहीं स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि हम मलिक का समर्थन नहीं करेंगे और अपना अलग रुख रखेंगे। बता दें कि एमवीए की सरकार में नवाब मलिक मंत्री थे। साल 2022 में एनआईए ने उन्हें दाऊद, छोटा शकील के सहयोगियों के खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था। एनसीपी के विभाजन के बाद नवाब मलिक अजित पावर के गुट में चले गए थे, हालांकि इस दौरान भी भाजपा ने इसका विरोध किया था।





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