ढाका: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर मोहम्मद यूनुस की सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इशारों-इशारों में भारत पर ही आरोप लगाना शुरू कर दिया है। हिंदुओं पर हमले रोकने के बजाय अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसका मकसद तत्कालीन शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए विद्रोह को बदनाम करने के लिए ‘‘बड़े देशों की भागीदारी वाले अभियान’’ का मुकाबला करना है। उनका इशारा सीधे भारत की ओर था। हालांकि यूनुस ने खुलकर भारत का नाम नहीं लिया।
बता दें कि भारत के साथ तनाव के बीच राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यूनुस ने किसी देश का नाम नहीं लिया। सूत्रों ने बताया कि यूनुस ने इस दौरान तीन मुद्दों पर राजनीतिक नेताओं की राय मांगी। इसमें आरोप लगाया कि भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में बांग्लादेश के खिलाफ ‘‘दुष्प्रचार’’ चल रहा है। दूसरा आरोप लगाया कि अगरतला में बांग्लादेश मिशन पर हमला और हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों पर बांग्लादेश पर हमलों के आरोप शामिल हैं। यूनुस ने कहा कि जुलाई-अगस्त में हुए विद्रोह को नापसंद करने वाले लोग देश और विदेश में यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाने के पीछे कुछ ‘‘खतरनाक’’ वजह है।
यूनुस ने कहा-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही साजिश
यूनुस ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि ‘‘नए बांग्लादेश के खिलाफ अभियान अब घरेलू स्तर तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि बड़े देशों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है।’’ यूनुस के कार्यालय द्वारा जारी वीडियो में उन्हें राजनीतिक नेताओं से कहते हुए सुना गया, ‘‘अब हमें पूरी दुनिया को बताना होगा कि हम एक हैं। हमने जो पाया, वह मिलकर हासिल किया। यह अब हमारे अस्तित्व का मुद्दा बन गया है।’ (भाषा)
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