• राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारत की नई सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’, टी-90 टैंक और युद्ध के मैदान में तीनों सेनाओं के बीच तालमेल तथा समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति, आर्थिक प्रगति और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में की गई प्रगति को प्रदर्शित किया गया।

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    राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारत की नई सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’, टी-90 टैंक और युद्ध के मैदान में तीनों सेनाओं के बीच तालमेल तथा समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति, आर्थिक प्रगति और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में की गई प्रगति को प्रदर्शित किया गया।

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    कर्तव्य पथ के वीवीआईपी मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी उपस्थित थे, जो इस साल के समारोह के लिए मुख्य अतिथि थे। उनके देश (इंडोनेशिया) के सैन्य बैंड की एक टुकड़ी ने परेड का नेतृत्व किया।

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    राष्ट्रपति मुर्मू और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो पारंपरिक बग्घी में सवार होकर कर्तव्य पथ पर पहुंचे। यह परंपरा 40 साल के अंतराल के बाद 2024 में फिर से शुरू की गई थी। वे भारतीय सेना की सबसे सीनियर रेजिमेंट, राष्ट्रपति के अंगरक्षक दल के सुरक्षा घेरे में थे।

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    सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, सी-295, सी-17 ग्लोबमास्टर, डोर्नियर, एएन-32, राफेल, जगुआर और सुखोई-30 सहित अन्य विमानों ने फ्लाईपास्ट में भाग लिया। आसमान का नजार देख लोग उत्साहित हो गए।

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    राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर झंडारोहण के दौरान आसमान में गुब्बारों को हवा में उड़ाया गया। ये सभी गुब्बारे केसरिया, सफेद और हरे रंग के थे।

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    झांकी में स्वदेशी अर्जुन युद्ध टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम के साथ सैन्य अभियान का प्रदर्शन करते हुए युद्धक्षेत्र के परिदृश्य को प्रदर्शित किया गया।

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    गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्र ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। इसमें विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें और विभिन्न स्वदेशी हथियार शामिल थे। घुड़सवार दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट अहान कुमार ने किया।

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    टैंक टी-90 भीष्म, एनएजी मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट प्रणाली, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली और ‘ऑल-टेरेन व्हीकल’ (चेतक) परेड का हिस्सा थे।

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    भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती के नेतृत्व में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल थे। इसके बाद ‘‘बाज फॉर्मेशन’’ में तीन मिग-29 विमानों द्वारा ‘फ्लाई-पास्ट’ किया गया।

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    भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 कर्मी शामिल थे, जिनका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल अहलूवालिया और पलटन कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र ने किया।





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