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तेलंगाना में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के सामने कुछ मुश्किलें नजर आ रही हैं।

हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के भीतर इन दिनों गहरी राजनीतिक हलचलें चल रही हैं, जो राज्य सरकार के लिए चिंताजनक बनती जा रही हैं। विधायकों, मंत्रियों और दलबदलू नेताओं के बीच की दरारें लगातार बढ़ती जा रही हैं, जो सरकार की स्थिति को कमजोर कर रही हैं। आज राजधानी हैदराबाद के मर्री चेन्ना रेड्डी मानव संसाधन विकास केंद्र (MCRHRD) में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक हो रही है, लेकिन इन दरारों का असर इस बैठक पर भी देखने को मिल रहा है।

कांग्रेस के 10 विधायकों ने की सीक्रेट मीटिंग

जहां एक ओर कांग्रेस जाति जनगणना पर खुशी मना रही है, वहीं उसी के एक एमएलसी ने इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट की कॉपी जला दी, जिससे पार्टी के अंदर उहापोह की स्थिति बन गई है। साथ ही, 10 ऐसे विधायक भी हैं, जो बीआरएस से कांग्रेस में तो शामिल हुए, लेकिन बीआरएस ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर उनकी स्थिति और मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी में बढ़ती अंदरूनी कलह भी पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गई है। हाल ही में, कांग्रेस के करीब 10 विधायकों ने एक सीक्रेट मीटिंग आयोजित की, जिसमें उन्होंने पार्टी के दो वरिष्ठ मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी जताई।

MLC मलन्ना ने जलाईं जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट की कॉपी

ये विधायक मंत्रियों के रवैये से नाखुश हैं और आरोप लगा रहे हैं कि इन मंत्रियों द्वारा कुछ कामों को मंजूरी देने के बदले ‘हिस्सा या प्रतिशत’ की मांग की जा रही है। इन विधायकों का कहना है कि पार्टी के भीतर गहरे असंतोष की स्थिति पैदा हो रही है, जिससे नेतृत्व के प्रति विश्वास में कम हो रहा है। यह विवाद इस वक्त कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में और भी गहरे समाया हुआ है, जो आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति पर असर डाल सकता है। कांग्रेस पार्टी की आंतरिक विवादों की यह कहानी तब और गंभीर हो जाती है, जब इस घटनाक्रम में एक और विवाद जुड़ जाता है।

पहले भी पार्टी के कामों की आलोचना कर चुके हैं मलन्ना

बता दें कि हाल ही में कांग्रेस के MLC तीनमार मल्लन्ना उर्फ चिंतापंडु नवीन ने सामाजिक-आर्थिक जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट की कॉपियां जला दी थीं। मल्लन्ना, जो पहले भी अपनी पार्टी के कई नेताओं और कार्यों की आलोचना कर चुके हैं, ने इस सर्वेक्षण को कांग्रेस के हितों के खिलाफ मानते हुए उसका विरोध किया था। उन्होंने 2014 में तत्कालीन BRS सरकार द्वारा किए गए एकीकृत घरेलू सर्वेक्षण की प्रशंसा की थी और कहा था कि कांग्रेस सरकार द्वारा वर्तमान सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कुछ और नहीं बल्कि अगड़ी जातियों का सर्वेक्षण है।

सीएम ने कांग्रेस विधायकों को दिए ये निर्देश

वहीं, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस विधायकों को संबोधित करते हुए जाति सर्वेक्षण और एससी वर्गीकरण जैसे ऐतिहासिक फैसलों को सही तरीके से जनता तक पहुंचाने का आह्वान किया है। सीएम रेवंत ने विधायकों से कहा कि इस मुद्दे को लोगों के बीच फैलाने के लिए पार्टी को 2 बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए। इसके तहत, उत्तरी तेलंगाना और संयुक्त नलगोंडा जिले में बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें पार्टी के शीर्ष नेता, जैसे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को आमंत्रित किया जाएगा।

बैठक में नहीं शामिल हुए 10 दलबदलू विधायक

हालांकि, रेड्डी की इस बैठक में 10 दलबदलू विधायक शामिल नहीं हुए हैं, क्योंकि उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और उन्हें डर है कि इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रहे इन सभी विवादों और मतभेदों के बीच, इस बैठक का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि राज्य में पंचायत चुनावों का माहौल बन रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ के साथ सीएलपी की यह बैठक अहम हो जाती है, क्योंकि जल्द ही पार्टी को पंचायत चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने की जरूरत है।





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