
औरंगजेब की मजार को लेकर CM फडणवीस का बड़ा बयान।
महाराष्ट्र की राजनीति में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। बात छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की मजार को हटाने तक पहुंच गई है। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी इस मामले पर बयान दिया है। फडणवीस ने कहा है कि सभी का मानना है कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की मजार को हटाया जाना चाहिए, लेकिन यह काम कानून के दायरे में किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि सीएम फडणवीस ने इस बारे में और क्या कुछ कहा है।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज ने की है मांग
महाराष्ट्र की सतारा सीट से भाजपा के सांसद और मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब के मजार को हटाने की मांग की थी। इस बारे में बात करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- “हम सभी यही चाहते हैं, लेकिन आपको इसे कानून के दायरे में करना होगा, क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है। इस स्थल को कुछ साल पहले कांग्रेस शासन के दौरान एएसआई के संरक्षण में दे दिया गया था।”
क्यों शुरू हुआ विवाद?
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने हाल ही में मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा की थी। अबू आजमी के इस बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा अबू आजमी को 26 मार्च को बजट सत्र की समाप्ति तक महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है।
क्या बोले थे अबू आजमी?
अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर कहा था- “गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। औरंगज़ेब कोई क्रूर शासक नहीं थे। बनारस में जब एक पंडित की बच्ची के साथ उसके सिपहसालार ने बदतमीजी की करने की कोशिश की तो औरंगजेब ने उस सिपहसालार को दो हाथियों के बीच बंधवाकर मरवा डाला। बाद में उन पंडितों ने औरगंजेब के लिए मस्जिद बनाकर भेंट किया। वो अच्छे प्रशासक थे, जो उन्होंने किया वो सही किया। अगर कोई और राजा होता वो वो भी वही करता।” अबू आजमी ने ये भी कहा था- “औरंगजेब के शासन के दौरान भारत की जीडीपी 24% थी और देश “सोने की चिड़िया था। औरंगजेब उनके लिए गलत नहीं था। उसने कई मंदिर भी बनवाये थे। इतिहास में कई गलत चीज़े बताई गई हैं।” हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद अबू आजमी ने कहा था कि अगर किसी को उनकी टिप्पणी से ठेस पहुंची है, तो वह अपने बयान और टिप्पणियां वापस लेते हैं। (इनपुट: भाषा)
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