
महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद गिरि
संभल: जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद गिरि ने इस्लाम में मजार और कब्र बनाने का कोई प्रावधान नहीं होने का दावा किया और सोमवार को कहा कि ‘लुटेरे’ मुगल जिस देश से आए थे, उनकी कब्र को वहीं ‘पटक’ देना चाहिए। गिरि ने संभल के कोट पूर्वी मुहल्ले में स्थित भाजपा नेता कपिल सिंघल के आवास पर संवाददाताओं से बात करते हुए ये बातें कहीं।
महामंडलेश्वर ने और क्या कहा?
महामंडलेश्वर ने कहा कि इस्लाम को थोड़ा-बहुत हमने भी पढ़ा और जाना है। इस्लाम में कोई भी मजार बनाने, कोई भी कब्र बनाने का प्रावधान ही नहीं है। पक्की मजार बनाना और उस पर छत डालने का भी कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इस्लाम कहता है कि दफन करने के बाद उस पर मिट्टी डालकर बात खत्म करनी चाहिए। स्थाई कब्र बनी रहे, ऐसा इस्लाम में नहीं है। इस्लाम को मानने वाले लोग अगर इस तरह का काम करते हैं तो वह कहीं ना कहीं इस्लाम का ही खंडन करते हैं।’
गिरि ने मुगलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुगल मात्र लुटेरे थे। भारत को लूटने आए थे। ऐसे लुटेरों का गुणगान करना या उनकी कब्र या मजार बनाना क्या उचित है। जिस देश से वे आए थे उन देश में उनकी कब्रों को पटक देना चाहिए।’ गिरि ने कहा, ‘मुगल इस देश के नहीं थे। वे लुटेरे और भुक्कड़ थे। खाने को रोटी उनके पास नही थी। वह जिन देशों से आए अगर आज वे देश समृद्ध होते तो वहां की संस्कृति दिखाई देती। आज भी वहां कुछ नहीं दिखाई देता।’
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को महाराष्ट्र से हटाने को लेकर खूब चर्चा हो रही है। राजनेता भी इस बहस में कूद पड़े हैं। कोई इसे हटाने के पक्ष में है और कोई नहीं हटाने के पक्ष में है। (इनपुट: भाषा)