मस्सा अबेद का भाई उसे याद करते हुए
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मस्सा अबेद का भाई उसे याद करते हुए

दीर अल बला: मध्य गाजा के शहर जावैदा में चार साल की मस्सा अबेद अपने घर के पास सड़क पर अपने बच्चों के साथ खेल रही थी। मस्सा के पास रबर की एक गेंद और गुड़िया थी। खेलते और खिलखिलाते हुए मस्सा को अंदाजा भी नहीं था कि उसकी यह खुशी कुछ ही देर की है। अचानक जोरदार धमाका हुआ और बच्चों के खेलने, चिल्लाने, खिलखिलाने की आवाज थम गई।

समझे अहम बात

धमाका इस वजह से हुआ था क्योंकि इजरायल ने हमला किया था। इजरायल ने हमला इसलिए किया था क्योंकि हमास ने सात अक्तूबर 2023 को इजरायल में आतंकी हमला कर 1200 बेगुनाहों को मौत को घाट उतार दिया था। आप खुद ही तय कर लें कि गुनहगार कौन है लेकिन आतंक और जंग का यही बदसूरत चेहरा है।

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गाजा में जंग के बीच खेलते बच्चे

क्या बोले मस्सा के पिता

मस्सा जहां रह रही थी वहां काफी हद तक शांति बहाल हो गई थी। मस्सा अबेद कुछ सप्ताह पहले ही यहां लौटी थी। हमले के बाद मस्सा का 16 वर्षीय बड़ा भाई उसे लेकर अस्पताल पहुंचा, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मस्सा के पिता सैमी अबेद ने अपने हाथ में हरे रंग की गेंद लिए घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘उसकी गोद में एक गेंद थी और उसके हाथ में एक गुड़िया थी। क्या वह उनसे गेंद या गुड़िया से लड़ती? वह केवल चार साल की थी। वह क्या कर सकती थी? वह तो पत्थर भी नहीं उठा सकती थी।’’ 

नागरिकों को ढाल बनाते हैं आतंकी

इजरायल की सेना ने हमले को लेकर टिप्पणी नहीं की है। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि दीर अल-बला शहर के पास के क्षेत्र में हमला क्यों किया गया या किसे निशाना बनाया गया? इजरायली अधिकारियों ने अक्सर नागरिकों के हताहत होने के लिए हमास को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि फलस्तीनी आतंकवादी समूह नियमित रूप से आवासीय क्षेत्रों और अस्पतालों से काम करता है। उन्होंने हमास पर नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। 

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गाजा में जंग की वजह से परेशान बच्चे

आतंक की आग में झुलसा गाज

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता जहीर अल-वहीदी ने इजरायल के हमलों को लेकर जानकारी दी है। वहीदी ने बताया कि करीब एक महीने से अधिक समय पहले इजरायल की ओर से हमले शुरू किए जाने से अब तक कम से कम 809 बच्चे मारे गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि अक्टूबर 2023 में जंग  की शुरुआत से लेकर अब तक 52 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। (एपी)

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