
रेवंत रेड्डी
भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा हालात के मद्देनजर तेलंगाना सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में सातों दिन 24 घंटे सेवा प्रदान करने वाले नियंत्रण कक्ष की स्थापना की घोषणा की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले राज्य के निवासियों को समय पर सहायता, सूचना और समर्थन प्रदान करने के लिए नयी दिल्ली स्थित तेलंगाना भवन में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष से फोन नंबर के जरिये संपर्क किया जा सकता है।
दिल्ली में कंट्रोल रूम बनाने से पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बताया कि विधायक अपनी एक महीने की सैलरी दान करने पर विचार कर रहे हैं। बाद में उन्होंने एक महीने की सैलरी दान करने का ऐलान किया। रेवंत रेड्डी ने लिखा “एक भारतीय के रूप में, मैंने आतंकवाद को खत्म करने और हमारी सीमाओं और लोगों की सुरक्षा के लिए हमारे देश के बहादुर सशस्त्र बलों के प्रयासों के लिए नेशनल डिफेंस फंड में एक महीने का वेतन देने का फैसला किया है। मैंने अपने सभी सहयोगियों और पार्टी के साथियों के साथ-साथ अच्छे नागरिकों से भी इस अभियान में शामिल होने का अनुरोध किया है। आइए हम सभी अपनी जीत के सबसे निर्णायक क्षण तक अपनी सेनाओं के साथ एक साथ खड़े रहें। जय हिंद!”
एक महीने की सैलरी दान की
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सैलरी दान करने का ऐलान करने से पहले शुक्रवार को कहा कि वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में कांग्रेस विधायकों और विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) द्वारा एक महीने का वेतन राष्ट्रीय रक्षा कोष में दान करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क के साथ चर्चा की। बयान में कहा गया है कि विक्रमार्क कांग्रेस विधायकों और विधान पारिषद सदस्यों से परामर्श करेंगे और दान की घोषणा करेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री ने अन्य दलों के विधायकों और विधान परिषद सदस्यों से भी एक महीने का वेतन दान करने की अपील की। (इनपुट- पीटीआई भाषा)