शेयर मार्केट
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ब्याज दर पर फैसले, वृहद आर्थिक आंकड़े और वैश्विक रुझान इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की एक्टिविटीज और टैरिफ के मोर्चे पर नया डेवलपमेंट भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘आगे की ओर देखें, तो सभी की निगाह 6 जून को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणा पर रहेगी। इसके अलावा नए महीने की शुरुआत के साथ ऑटो सेल्स और आर्थिक गतिविधियों का संकेत देने वाले अन्य आंकड़े भी आएंगे। साथ ही सभी की निगाह मानसून की प्रगति और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के इनफ्लो पर भी रहेगी।’’

जीडीपी को लेकर आई है गुड न्यूज

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी बॉन्ड मार्केट के रुझान और मौजूदा व्यापार वार्ताओं से जुड़े घटनाक्रम भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में उम्मीद से अधिक तेजी से बढ़ी है, जिससे पूरे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3,900 अरब डॉलर हो गया है। भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है। जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 7.4 प्रतिशत रही है।

कौन-से आंकड़े रहेंगे अहम?

इस सप्ताह आने वाले मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर्स के लिए पीएमआई (क्रय प्रबंधक सूचकांक) आंकड़े भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च हेड- एसेट मैनेजमेंट सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस सप्ताह केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती की उम्मीद के बीच ब्याज दर की दृष्टि से संवेदनशील सेक्टर, विशेष रूप से सरकारी बैंकों के शेयरों पर सभी की निगाह रहेगी। इसके अलावा ऑटो सेल्स के मासिक आंकड़ों की वजह से भी बाजार में सेक्टर स्पेसिफिक एक्टिविटीज देखने को मिल सकती हैं।’’

रेपो रेट में कटौती की है उम्मीद

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 270.07 अंक या 0.33 प्रतिशत के नुकसान में रहा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 102.45 अंक या 0.41 प्रतिशत नीचे आया। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार रेपो रेट में चौथाई प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा है। ऐसे में ब्याज दर की दृष्टि से संवेदनशील सेक्टर्स पर सभी की निगाह रहेगी। सकारात्मक वृहद आर्थिक आंकड़े निवेशकों का भरोसा बढ़ा सकते हैं।’’





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