
विक्रांत मैसी और उनका बेटा वरदान।
टीवी के पर्दे पर अपनी छाप छोड़ने के बाद फिल्मों का रुख करने वाले विक्रांत मैसी हर किरदार में जान फूंकने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने छोटे-बड़े हर रोल में अपनी एक्टिंग का दमखम दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पैपराजी कल्चर से दूर रहने वाले विक्रांत मैसी अक्सर अपनी लाइफ को प्राइवेट रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन पब्लिक फिगर होने के चलते क्या उनकी लाइफ किसी से छिपी रह सकती है। अपनी बेबाकी के लिए पहचाने जाने वाले विक्रांत मैसी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं और हाल ही में वो पापा बने हैं तो इन दिनों वो अपने बेटे के साथ तस्वीरें पोस्ट कर न्यू डैड वाला फील एंजॉय कर रहे हैं। कई फिल्मों में काम के बीच एक्टर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। एक ओर उनकी नई फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ रिलीज के लिए तैयार है, दूसरी ओर उनके एक फैसले की काफी चर्चा है।
एक्टर ने लिया बड़ा फैसला
’12वीं फेल’ से जबरदस्त लोकप्रियता हासिल करने वाले अभिनेता विक्रांत मैसी इन दिनों अपने किसी फिल्मी प्रोजेक्ट के बजाय पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं। साल 2022 में उन्होंने अभिनेत्री शीतल ठाकुर से शादी की थी और पिछले साल दोनों एक प्यारे बेटे के माता-पिता बने। कपल ने अपने बेटे का नाम वरदान रखा है। हाल ही में विक्रांत ने बेटे की परवरिश को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने लोगों का ध्यान खींच लिया है और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। दरअसल एक्टर रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट में पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने बेटे के धर्म को लेकर बात की और बताया कि उसके बर्थ सर्टिफिकेट पर धर्म के कॉलम में क्या लिखा है।
नहीं लिखा है कोई धर्म
रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट शो में बात करते हुए विक्रांत मैसी ने बताया कि वे और उनकी पत्नी शीतल अपने बेटे को एक अलग सोच और परवरिश के साथ बड़ा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेटे के जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) पर उन्होंने धर्म वाला कॉलम खाली छोड़ने का फैसला किया। विक्रांत ने कहा, ‘धर्म मेरे लिए जीवन जीने का तरीका है, न कि कोई पहचान। हर किसी को ये आजादी होनी चाहिए कि वो बड़ा होकर खुद तय करें कि वो किस विश्वास को मानना चाहता है। हम किसी भी धार्मिक पहचान के साथ अपने बेटे को टैग नहीं करना चाहते।’
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‘मेरा बेटा बिना लेबल के बड़ा हो’
अभिनेता ने यह भी स्पष्ट किया कि वो चाहते हैं कि उनका बेटा बिना किसी धार्मिक लेबल या पूर्वाग्रह के बड़ा हो। उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे कभी ये पता चले कि मेरा बेटा किसी दूसरे इंसान के साथ धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव कर रहा है तो ये मेरे लिए बहुत बड़ी असफलता होगी। मैं उसे इंसानियत, सहिष्णुता और करुणा सिखा रहा हूं, यही असली मूल्य हैं।’ अब विक्रांत का ये बयान वायरल हो रहा है और लोग उनके फैसले को सही बता रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि विक्रांत बेहद बेबाक हैं और अपनी राय को लोगों के बीच रखते हैं, थोपते नहीं हैं।
विक्रांत का बहुधार्मिक परिवार
विक्रांत का खुद का परिवार भी धार्मिक विविधता की मिसाल है। उनके पिता ईसाई हैं, मां सिख हैं और उनका बड़ा भाई मुस्लिम धर्म अपनाए हुए है, जबकि उनकी पत्नी हिंदू हैं। इस पृष्ठभूमि से आने वाले विक्रांत का मानना है कि धर्म निजी पसंद है, सामाजिक पहचान नहीं। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं मंदिर जाता हूं, गुरुद्वारा भी जाता हूं और दरगाह पर भी मत्था टेकता हूं। इन सब जगहों पर मुझे एक जैसी शांति मिलती है। मैं धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहता, बल्कि एकता महसूस करना चाहता हूं।’ मौजूदा दौर में जब धर्म और पहचान को लेकर बहसें तेज हैं, तब एक पब्लिक फिगर का ऐसा स्टैंड लेना साहसी और प्रेरणादायक माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर विक्रांत के इस फैसले को काफी सार्थक और साहसिक बताया जा रहा है। कई यूजर्स ने लिखा कि एक्टर ने जो किया है, वह वास्तव में आने वाली पीढ़ी के लिए सोच में बदलाव की शुरुआत है।