
उद्धव और राज ठाकरे
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखिया उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे शनिवार को एक ही मंच पर नजर आए। दोनों भाइयों की राजनीतिक विरासत समान रही है, लेकिन दो दशक पहले ही राज ठाकरे ने अपनी अलग राह चुन ली थी। अब दोनों भाई एक ही मंच पर साथ आए तो उद्धव ने ऐलान कर दिया कि दोनों के बीच दूरियां खत्म हो चुकी हैं और वह साथ रहने के लिए राज ठाकरे के साथ आए हैं।
उद्धव ने कहा “कई वर्षों बाद मेरी और राज ठाकरे की मुलाकात मंच पर हुई है। राज ने मुझे “सन्माननीय उद्धव ठाकरे” कहा, मैं भी कहता हूं, “सन्माननीय राज ठाकरे।” उनका कार्य भी बड़ा है। मेरे भाषण से ज्यादा अहम है हम दोनों का साथ आना। हम दोनों के बीच जो दूरियां थीं, वो अब खत्म हो चुकी हैं। हम एक साथ आए हैं, साथ में रहने के लिए।”
राज ठाकरे की तारीफ की
उद्धव ने कहा कि राज ठाकरे का काम सभी ने देखा है। मराठी हिंदू भाइयों और बहनों, राज ठाकरे ने सारे मुद्दे बेहतर ढंग से रखे हैं और अब मुझे कुछ और कहने की जरूरत महसूस नहीं होती। हम साथ आए हैं, साथ रहने के लिए। भाजपा अफवाहों की फैक्ट्री है। हम असली मराठी बोलने वाले कट्टर हिंदू हैं। मराठी आदमी अगर आंदोलन कर रहा हो और आप उसे गुंडागिरी कह रहे हो, तो फिर हां, हम गुंडे हैं। संयुक्त महाराष्ट्र के आंदोलन में हमने मुंबई हासिल की है।
एकनाथ शिंदे पर साधा निशाना
एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा “आज कई तांत्रिक बिजी होंगे। नींबू काट रहे होंगे, भैंसा काट रहे होंगे। लेकिन इस काले जादू के खिलाफ हमारे बालासाहेब ठाकरे लड़े थे और हम उसी विरासत को आगे ले जाएंगे।” बीजेपी को लेकर उन्होंने कहा कि इन्होंने हमारा इस्तेमाल किया और फिर छोड़ दिया, लेकिन अब हम दोनों मिलकर तुम्हें फेंक देंगे। फडणवीस ने कहा है कि भाषा के नाम पर गुंडागर्दी सहन नहीं करेंगे। हां, हम गुंडे हैं, लेकिन हम भाषा के लिए लड़ेंगे। अगर इंसाफ नहीं मिलेगा, तो गुंडागर्दी भी करेंगे।
फडणवीस को नाम का मराठी बताया
फडणवीस को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि आप सिर्फ नाम के मराठी हैं। आप असली मराठी हैं या नहीं, यह चेक करना होगा। हिंदुस्तान हमें मंजूर है, लेकिन हिंदी की जबरदस्ती हम सहन नहीं करेंगे। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने मराठी भाषा को अनिवार्य किया था। सत्ता आती है, जाती है, लेकिन हमारी असली ताकत हमारी एकजुटता में होनी चाहिए। संकट आता है, तो हम साथ आते हैं, लेकिन संकट के बाद दूर चले जाते हैं। अब हमें हमेशा साथ रहना चाहिए।
हिंदू और हिंदुस्तान मंजूर, लेकिन हिंदी थोपना नहीं
विधानसभा चुनाव को लेकर उद्धव ने कहा कि जब बीजेपी ने बंटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया को उन्हें लगा कि हिन्दू–मुसलमान में भेद कर रहे हैं, लेकिन इन्होंने तो मराठी के बीच में भी दरार डाल दी। उन्होंने कहा “आज हम एकसाथ आए हैं। और कुछ लोग फिर आएंगे, जो आप लोगों के बीच झगड़ा लगाने की कोशिश करेंगे। ये सरकार “हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान” बनाना चाहती है। हमें हिंदू और हिंदुस्तान मंजूर हैं, लेकिन हिंदी की जबरदस्ती मंजूर नहीं। आज से हम दोनों एक ही हैं। हम साथ आए हैं, तो ये पूछ रहे हैं कि क्या ये दोनों साथ रहेंगे या नहीं? ये लोग कह रहे हैं कि हम सिर्फ महापालिका चुनाव के लिए साथ आए हैं, लेकिन मैं कहता हूं कि हम महाराष्ट्र के लिए साथ आए हैं।”
बीजेपी वाले बांटना चाहते हैं
उद्धव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग मराठी को बांटना चाहते हैं। मराठी लोग बंट गए, इसलिए दिल्ली के गुलाम आज हमारे सिर पर सत्ता में बैठे हैं। बीजेपी वालों को कभी शादी में मत बुलाओ। ये शादी में खाना खाएंगे, मियां–बीवी में झगड़ा लगवाएंगे और दूसरी शादी में चले जाएंगे। ये तो दुल्हन को भी भगा ले जाएंगे! आज अगर मुंबई में किसी के पास सबसे ज्यादा जमीन है, तो वो है अडानी के पास। कल उस गद्दार ने कहा “जय गुजरात”। पुष्पा फिल्म में डायलॉग था – “झुकेगा नहीं”। लेकिन ये (एकनाथ शिंदे) कहता है – “उठेगा नहीं” कुछ भी कर लो, उठेगा ही नहीं! मराठी, सभी जात-पात भूलकर मराठी के तौर पर एकजुट हों।
न दादागिरी करेंगे, न सहेंगे
देवेंद्र फडणवीस का नाम लेकर उद्धव ने कहा कि आप कहते हैं कि भाषा के नाम पर गुंडागर्दी सहन नहीं करेंगे। तो सुन लीजिए हम किसी के साथ दादागिरी नहीं करेंगे और अगर किसी ने हमारे साथ दादागिरी की तो हम उसे भी सहन नहीं करेंगे।
राज ठाकरे ने क्या कहा?
राज ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके पास विधानभवन में सत्ता है, लेकिन हमारे पास सड़कों की सत्ता है। आज महाराष्ट्र जब एकसाथ खड़ा हुआ, तो सरकार को यह दिखाई दिया होगा कि जब यह राज्य एकजुट होता है, तब क्या होता है। कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए राज ठाकरे ने कहा “कल मीरा रोड में एक व्यवसायी की हत्या कर दी गई। क्या उसके माथे पर लिखा था कि वह गुजराती है? अब तक हमने कुछ नहीं किया है। उस आदमी को मराठी आनी चाहिए। बेवजह किसी को मत मारो, लेकिन अगर कोई ज्यादा नाटक करता है, तो उसके कान के नीचे जरूर बजाओ। और अगली बार जब किसी को पीटो, तो उसका वीडियो मत निकालो।”