
मंडी में बादल फटने के बाद तबाही की तस्वीर
शिमला: हिमाचल के मंडी जिले में प्रकृति का ऐसा कहर बरपा कि कई परिवार तबाह हो गए। वहीं तलवारा गांव में बादल फटने की घटना में दस महीने की नितिका के परिवार के तीन सदस्य या तो बह गए या उनकी मौत हो गई और वह संभवतः अपने परिवार की अकेली जीवित सदस्य रह गयी है। मंगलवार को जब तलवारा गांव में नितिका के पिता रमेश कुमार अपने घर के अंदर घुस रहे पानी को रोकने की कोशिश कर रहे थे तभी बादल फटने से गांव में तबाही मच गई। उनका शव मलबे में मिला। नितिका की मां राधा देवी (24) और दादी पुर्णू देवी (59) रमेश की तलाश में निकल पड़ीं। लेकिन दोनों महिलाओं का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
बच्ची की मदद के लिए आगे आ रहे लोग
नितिका के पड़ोसी प्रेम सिंह ने बच्ची को अकेले रोते हुए देखा और उसे रमेश के चचेरे भाई बलवंत के पास ले गए। बलवंत पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निजी सुरक्षा अधिकारी हैं। बलवंत ने बताया, “बच्ची हमारे पास है।” उन्होंने कहा कि उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने बच्ची के नाम पर बैंक खाता खोलने की पेशकश की है और यह खाता कल खोला जाएगा। बलवंत ने कहा, “उन्होंने (एसडीएम ने) कहा कि बहुत सारी कॉल आ रही हैं और लोग इस त्रासदी के बारे में सुनने के बाद बच्ची की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।”
बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित
बादल फटने से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र पवारा, थुनाग, बैदशाड़, कंडा और मुराद हैं। इन सभी पंचायतों में भारी तबाही हुई है, जहां सड़क, पानी और बिजली योजनाओं को काफी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि मंडी जिले में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की दस घटनाओं में अब तक चौदह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लापता लोगों की तलाश जारी है।
रिश्तेदारों को प्रशासन ने दी मदद
बलवंत ने बताया कि रमेश ने भी मात्र छह महीने की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। रमेश एक किसान था जिसकी कमाई अच्छी नहीं थी और घर के खर्च के लिए उसे पुर्नू देवी की तनख्वाह पर निर्भर रहना पड़ता था। पुर्नू देवी एक सरकारी स्कूल में चपरासी के पद पर तैनात हैं और सात महीने में रिटायर होने वाली थी। नितिका की देखभाल के लिए उसके रिश्तेदारों को 25 हजार रूपये की राहत राशि प्रशासन की ओर से दी गई है। (इनपुट-भाषा)