जापान के ओसाका में चल रहे वर्ल्ड एक्सपो 2025 में वंदे भारत ट्रेन और चिनाब ब्रिज का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। एक्सपो में आए जापानी विजिटर्स से इन दोनों ने मॉडर्न टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को लेकर काफी प्रशंसा बटोरे। आपको बता दें, ओसाका के तट पर स्थित एक कृत्रिम द्वीप, युमेशिमा में आयोजित, वर्ल्ड एक्सपो 2025 चल रहा है जो 13 अक्टूबर तक चलेगा। इस एक्स्पों में दुनियाभर से लाखों विजिटर्स आएंगे। एक्सपो में भारतीय मंडप, खासतौर से भारतीय रेल को समर्पित सेक्शन, प्रशंसा का केंद्र बन गया है।
प्रस्तुतियों को उत्सुकता से सुना
खबर के मुताबिक, चुनौतीपूर्ण हिमालयी भूभाग में भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल और यात्री सुविधा के लिए प्रसिद्ध अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर कई जापानी विजिटर्स भारतीय रेल प्रदर्शनी के आसपास जमा हुए और दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक की उत्पत्ति और दशकों में इसके अविश्वसनीय परिवर्तन के बारे में प्रस्तुतियों को उत्सुकता से सुना। इंजीनियरिंग के चमत्कारों और टिकाऊ तकनीक के इस मिश्रण ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। आगंतुकों ने न केवल परियोजनाओं के पैमाने की, बल्कि आधुनिक बुनियादी ढाँचे को पर्यावरणीय जागरूकता के साथ एकीकृत करने के भारत के दृष्टिकोण की भी प्रशंसा की।
एक्सपो का विषय
एक्सपो 2025 का विषय हमारे जीवन के लिए भविष्य के समाज का निर्माण है, जिसके तीन उप-विषय हैं – जीवन बचाना, जीवन को मजबूत बनाना और जीवन को जोड़ना, जो भारतीय रेलवे के सुरक्षित, समावेशी और टिकाऊ परिवहन प्रदान करने के दृष्टिकोण के साथ खूबसूरती से मेल खाते हैं। इंटरैक्टिव सेशन और इमर्सिव डिजिटल डिस्प्ले के जरिये, भारतीय रेल सक्रिय रूप से वैश्विक दर्शकों को आकर्षित कर रहा है और एक आधुनिक, इनोवेटिव और पर्यावरण के प्रति जागरुक गतिशीलता क्षेत्र में अग्रणी के रूप में अपनी छवि को मजबूत कर रहा है।
चिनाब ब्रिज – इंजीनियरिंग का एक चमत्कार
1,486 करोड़ रुपये की लागत से बना चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल और इंजीनियरिंग का एक सच्चा कारनामा है। नदी से 359 मीटर ऊंचा, एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा और कुतुब मीनार की ऊंचाई से लगभग पांच गुना ऊंचा, इस पुल का निर्माण 28,660 मेगाटन स्टील से किया गया है। यह शून्य से नीचे के तापमान और अत्यधिक गर्मी, दोनों को झेलने में सक्षम है।