
अनुपम खेर
अनुपम खेर ने ‘आप की अदालत’ में शिरकत की और अपनी करियर की सफलता से लेकर संघर्षों पर खुलकर बात की। अनुपम खेर शो में अपने पिता को याद कर भावुक भी हो गए और रोने लगे। साथ ही अपने करियर में ही बुजुर्ग किरदारों को निभाकर फिल्मी दुनिया में जगह बनाने वाले अनुपम खेर 70 साल की उम्र में ही कमाल का काम कर रहे हैं। अनुपम खेर ने यहां ये भी खुलासा किया कि क्यों उन्हें जवानी में ही बुढ़ापे के किरदार निभाने पड़े।
मेरी जवानी किसी ने देखी नहीं: अनुपम खेर
जब उनसे पूछा गया कि वे ज्यादातर फिल्मों में हिरोईनों के पिता का रोल ही क्यों करते हैं, तो अनुपम खेर ने मजाक में कहा, ‘मेरी जवानी किसी ने नहीं देखी। अगर महेश भट्ट साहब ने 28 साल के युवक को 65 साल के बुजुर्ग का रोल न दिया होता, तो मैं यहां (आप की अदालत में) नहीं बैठा होता। मेरी कामयाबी में इसका सबसे बड़ा हाथ था। मेरे पास और चारा भी नहीं था। मैं चबूतरे पर, समुद्र तट पर सोता था, मेरे पास पैसे नहीं थे। फिर मुझे यह फिल्म मिली तो कैसे मना करता। फिर यश चोपड़ा जी ने मुझे फिल्म विजय में हेमा मालिनी के पिता का रोल दिया। मैंने राजेश खन्ना के ससुर का रोल किया, मैंने ऋषि कपूर के पिता का रोल किया, जो मुझसे उम्र में बड़े थे। मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा।’
माधुरी दीक्षित और काजोल के पिता का किरदार निभाया
अनुपम खेर ने माधुरी दीक्षित और काजोल के पिता का किरदार निभाने पर भी बात की। इसको लेकर अनुपम बताते हैं, ‘देखिए जी, आदमी आशिक को छोड़ देता है, पति को छोड़ देता है, बाप को कभी नहीं छोड़ता। मैं जो रोल करता था (They were the pillars of the film ) वो फिल्म की रीढ़ थीं। तेजाब और राम लखन, दोनों में मैंने माधुरी दीक्षित के पिता का किरदार निभाया था, लेकिन भूमिकाएं अलग-अलग थीं। आपको इतनी विविधता कहां से मिलती है? मैं अपनी तारीफ नहीं कर रहा, लेकिन मैं इसमें ज्यादा कुछ छिपाना नहीं चाहता। मेरे जैसे एक्टर हिंदी फिल्मों में बहुत कम आते हैं। आपको यह बात माननी पड़ेगी। मैं यह बात घमंड से नहीं कह रहा। मैंने पहले फिल्मों में जो किया, बहुत कम लोग कर सकते थे। मैं ऐसा इसलिए कर पाया कि मेरे एक्टिंग टीचर कमाल के थे। मेरी ताकत मेरे दर्शक हैं। इसीलिए मैं पिछले 40 सालों से फिल्मों में हूं। दर्शकों को मेरा किरदार पर्दे पर और पर्दे के बाहर, दोनों जगह पसंद आता है।’