PM Modi
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पीएम मोदी

नई दिल्ली: पीएम मोदी के तमिलनाडु दौरे का आज दूसरा दिन है। उनका ये दौरा काफी खास है क्योंकि आज सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती है और साथ ही देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि है। राजेंद्र चोल प्रथम और कलाम दोनों ही तमिलनाडु से बहुत गहराई से जुड़े हुए थे।

पीएम मोदी, एक तरफ राजा राजेन्द्र चोलन की सहस्त्राब्दी समारोह में हिस्सा ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने डॉक्टर कलाम को भी याद किया है। ऐसे में साफ है कि पीएम के तमिलनाडु दौरे का बीजेपी को आने वाले समय में लाभ मिल सकता है।

तमिल कल्चर को प्रमोट कर रहे पीएम

आज आड़ी थिरूवादिरयी का दिन भी है, जिसका तमिल कल्चर में खासा महत्व है। तिरुचिरापल्ली में आज PM गंगईकोंडा चोलापुरम में चोल वंश के राजा राजेन्द्र चोलन की सहस्त्राब्दी समारोह में हिस्सा ले रहे हैं, ये इसलिए भी खास है क्योंकि तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं, जिसमें बीजेपी को फायदा हो सकता है।

आज के कार्यक्रम को PM मोदी के विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक तमिल भाषा और संस्कृति को वैश्विक स्तर प्रमोट करने के उनके संकल्प से जोड़कर देखा जा सकता है। संसद में सेंगोल की स्थापना, तमिल काशी संगमम, विदेशी जमीन पर तमिल भाषा का प्रमोशन उनके इसी संकल्प का हिस्सा हैं।

पीएम मोदी की इस कोशिश का सियासी लाभ बीजेपी को मिल सकता है लेकिन तमिलनाडु में बेहतर प्रदर्शन अभी भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।

BJP को कैसे मिल सकता है सियासी लाभ?

  1. तमिलनाडु में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वैसे तो तमिलनाडु में डीएमके और एआईएडीएमके जैसे क्षेत्रीय दलों का दबदबा रहा है, लेकिन बीजेपी अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक रूप से काम कर रही है।
  2. पीएम मोदी अपने तमिलनाडु दौरे पर विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करके ये मैसेज दे रहे हैं कि केंद्र का पूरा ध्यान तमिलनाडु की तरफ है और वह उसके विकास को लेकर काम करने के लिए उत्सुक है। यह स्थानीय मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है, जो डीएमके और एआईएडीएमके के द्रविड़ियन मॉडल के विकल्प की तलाश में हैं।
  3. पीएम मोदी ने अपने दौरे में तमिलनाडु को श्री राम की पावन धरती के रूप में संबोधित किया और रामनवमी पर पंबन ब्रिज के उद्घाटन जैसे कदमों से हिंदू आस्था को जोड़ा। यह बीजेपी की सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की रणनीति का हिस्सा है। काशी तमिल संगमम जैसे आयोजनों का जिक्र भी तमिल संस्कृति और राष्ट्रीय एकता को जोड़ने की कोशिश है।
  4. बीजेपी तमिलनाडु में एआईएडीएमके और अन्य छोटे दलों जैसे डीएमडीके और एएमएमके के साथ गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। यह गठबंधन 2026 के चुनावों में बीजेपी को मजबूत स्थिति दिला सकता है।
  5. पीएम मोदी के दौरे से बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ता है, जैसा कि तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष नैनार नागेंथिरन और के. अन्नामलाई ने अपने बयानों में जाहिर किया। 
  6. तमिलनाडु की सियासत डीएमके और एआईएडीएमके के इर्द-गिर्द रही है, लेकिन बीजेपी विकास और राष्ट्रीय एकता के एजेंडे को सामने रखकर द्रविड़ियन मॉडल को चुनौती दे रही है। 
  7. मोदी ने तमिल भाषा और संस्कृति की प्रशंसा करते हुए इसे राष्ट्रीय मंच पर ले जाने की बात की, जैसे कि काशी तमिल संगमम और नई संसद में तमिलनाडु के सिंगोल का प्रचार। जिससे बीजेपी को “उत्तर भारतीय पार्टी” के मिथक को तोड़ने में मदद मिल सकती है।





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