
सड़कों में जलभराव
राजस्थान में इस बार जमकर बारिश हुई है। मानसून सीजन में अब तक सामान्य से लगभग 85 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक राज्य के अधिकांश जिले ‘असामान्य’ या ‘अधिक’ वर्षा की श्रेणी में आ गए हैं। राज्य जल संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में एक जून से 29 जुलाई तक सामान्य औसत 202.51 मिलीमीटर बारिश होती है लेकिन इस बार 374.58 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, जो तुलनात्मक रूप से 84.96 प्रतिशत अधिक है।
14 जिलों को ‘अधिक’ बारिश वाली श्रेणी में रखा गया
मानसून की अच्छी बारिश के कारण इस बार राज्य को ‘असामान्य’ वर्षा श्रेणी में रखा गया है। इस श्रेणी में सामान्य से 60 प्रतिशत या उससे अधिक बारिश होती है। राज्य के कुल 27 जिले इसी श्रेणी में आते हैं। इनमें अजमेर, अलवर, बालोतरा, बारां, ब्यावर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डीडवाना-कुचामन, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कोटा, नागौर, पाली, फलोदी, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर और टोंक शामिल हैं। वहीं, राज्य के 14 जिलों को ‘अधिक’ बारिश वाली श्रेणी में रखा गया है।
राजस्थान के 9 जिलों में हुई कम बारिश
इस श्रेणी में सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत अधिक बारिश होती है। राज्य के इस श्रेणी वाले जिलों में बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, चूरू, डीग, डूंगरपुर, जैसलमेर, खेरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, प्रतापगढ़, सलूंबर, सिरोही और उदयपुर है। पिछले साल से तुलना की जाए तो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 20 जिलों में ‘सामान्य’, 10 में ‘अधिक’ तथा दो में ‘असामान्य’ श्रेणी की बारिश हुई थी जबकि नौ में ‘कम’ बारिश दर्ज की गई थी।
राजस्थान के 693 बांधों में से 241 पूरी तरह से भरे हुए
इस साल अभी तक राज्य का कोई भी जिला ‘सामान्य’, ‘कम’ या ‘अल्प’ वर्षा की श्रेणी में नहीं आता है। इसके अनुसार राजस्थान के 693 बांधों में से 241 पूरी तरह से भरे हुए हैं, 315 आंशिक रूप से भरे हुए हैं, जबकि 137 सूखे हैं। (भाषा के इनपुट के साथ)