भ्रूण की तस्वीर (सांकेतिक तस्वीर)
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भ्रूण की तस्वीर (सांकेतिक तस्वीर)

विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जो न केवल आश्चर्यजनक होती हैं, बल्कि मानव जीवन की संभावनाओं को नए आयाम भी देती हैं। हाल ही में अमेरिका के ओहियो में एक ऐसी ही अनोखी घटना ने दुनिया के सामने आई है। जहां 30 साल पुराने भ्रूण से एक स्वस्थ शिशु का जन्म हुआ है। इस शिशु का नाम थैडियस डैनियल पियर्स है, और इसे दुनिया का सबसे उम्रदराज शिशु कहा जा रहा है। यह कहानी न केवल चिकित्सा विज्ञान की प्रगति को दर्शाती है, बल्कि मानव इच्छाशक्ति और आशा की ताकत को भी उजागर करती है।

भ्रूण का 30 साल का सफर

थैडियस डैनियल पियर्स का जन्म 26 जुलाई 2025 को हुआ, लेकिन इसकी कहानी की शुरुआत तीन दशक पहले, यानी 1994 में हुई। उस समय लिंडा आर्चर्ड और उनके तत्कालीन पति ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक के जरिए चार भ्रूण बनाए थे। इनमें से एक भ्रूण से लिंडा की बेटी का जन्म हुआ, जो अब 30 साल की है और खुद एक 10 साल की बेटी की मां है। बाकी तीन भ्रूणों को क्रायोजेनिक रूप से फ्रीज कर स्टोरेज में रखा गया था। लिंडा ने अपने पति से अलग होने के बाद भी इन भ्रूणों को नष्ट नहीं किया, क्योंकि उनकी इच्छा थी कि ये भ्रूण किसी ऐसे परिवार को मिलें, जो उनके धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान करे।

लिंडा ने नाइटलाइट क्रिश्चियन एडॉप्शन एजेंसी के “स्नोफ्लेक्स” भ्रूण गोद लेने के कार्यक्रम के माध्यम से अपने भ्रूणों को दान करने का फैसला किया। इस कार्यक्रम में डोनर को यह अधिकार होता है कि वे अपने भ्रूण से पैदा होने वाले बच्चे के माता-पिता का चयन कर सकें। लिंडा ने एक अमेरिकी, ईसाई, और विवाहित दंपति को चुना, और इस तरह थैडियस के माता-पिता, लिंडसे (34) और टिम पियर्स (35) को यह भ्रूण मिला।

चिकित्सा विज्ञान का चमत्कार

थैडियस का जन्म IVF और क्रायोप्रिजर्वेशन (embryo cryopreservation) तकनीक की एक बड़ी उपलब्धि है। यह भ्रूण 1994 में पुरानी ‘स्लो-फ्रीजिंग’ तकनीक से जमाया गया था, जिसे पिघलाना आधुनिक तकनीकों की तुलना में कहीं अधिक जटिल है। ओहियो के रीजॉइस फर्टिलिटी क्लीनिक ने इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। लिंडसे पियर्स ने एक साक्षात्कार में कहा, “यह सब हमें किसी साइंस फिक्शन फिल्म की कहानी जैसा लगता है। हमने कभी नहीं सोचा था कि 30 साल पुराना भ्रूण भी एक स्वस्थ बच्चे का रूप ले सकता है।” इससे पहले का रिकॉर्ड 1992 में फ्रीज किए गए भ्रूण से 2022 में जन्मे जुड़वां बच्चों के नाम था, जो 30 साल तक फ्रीज रहे थे। थैडियस ने इस रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

पियर्स दंपति

लिंडसे और टिम पियर्स सात साल तक बच्चा पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंततः उन्होंने भ्रूण गोद लेने का फैसला किया। लिंडसे ने बताया, “हमारा मकसद कोई रिकॉर्ड तोड़ना नहीं था। हम बस एक बच्चा चाहते थे।” इस दंपति के लिए थैडियस का जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं है। वे कहते हैं, “हर दिन अपने बेटे को देखकर हमें आश्चर्य होता है कि विज्ञान और ईश्वर ने मिलकर हमें यह अनमोल उपहार दिया।” थैडियस की कहानी में एक और रोचक पहलू है। उनकी जैविक बहन, जो 1994 में उसी IVF प्रक्रिया से पैदा हुई थी, अब 30 साल की है और उसकी अपनी 10 साल की बेटी है। इस तरह, थैडियस की भांजी उनसे उम्र में बड़ी है। यह अनोखा पारिवारिक बंधन इस कहानी को और भी खास बनाता है।

डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित है। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

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