
जितेंद्र आव्हाड का विवादास्पद बयान
एनसीपी के शरद गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए सनातन धर्म के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। आव्हाड ने कहा, “सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है। सनातन धर्म नाम का कोई धर्म कभी था ही नहीं। हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं।” चार बार विधायक रहे आव्हाड ने आगे कहा कि सनातन धर्म ही छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक न होने देने और छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम करने के लिए ज़िम्मेदार है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसके अनुयायियों ने समाज सुधारक ज्योतिराव फुले की हत्या की कोशिश की।
आव्हाड ने आगे कहा, “उन्होंने सावित्रीबाई फुले पर गोबर और गंदगी फेंकी। इसी सनातन धर्म ने शाहू महाराज की हत्या की साजिश रची। इसने डॉ. बी.आर. आंबेडकर को पानी पीने या स्कूल जाने की इजाज़त नहीं दी। आंबेडकर ने सनातन धर्म का विरोध किया, मनुस्मृति को जलाया और उसकी परंपराओं को नकारा।” जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि लोगों को सनातन धर्म और उसकी विचारधारा को विकृत कहने में संकोच नहीं करना चाहिए।
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कौन हैं जितेंद्र आव्हाड
आव्हाड ने अपना राजनीतिक जीवन 1980 के दशक में फीस वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। बाद में वे कांग्रेस की छात्र शाखा, एनएसयूआई में आगे बढ़े और 2002 से 2008 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। वे 2009 में विधानसभा के लिए चुने गए और तब से अपनी सीट बरकरार रखे हुए हैं। आव्हाड कांग्रेस-राकांपा और महा विकास अघाड़ी, दोनों सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने आवास, चिकित्सा शिक्षा, अल्पसंख्यक विकास और औकाफ जैसे विभागों का कार्यभार संभाला।
आव्हाड ने सामाजिक-धार्मिक आंदोलनों में पीएचडी की है और ओबीसी वंजारी समुदाय से आते हैं। 2018 में, महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते ने दावा किया था कि चरमपंथियों द्वारा उन्हें निशाना बनाने की साजिश रची गई थी। आव्हाड ने अपने राजनीतिक संदेश में इस दावे का इस्तेमाल किया है।