देश की टॉप-10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में 7 का संयुक्त मार्केट कैप पिछले हफ्ते 1.35 लाख करोड़ रुपये घट गया। इसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को सबसे ज्यादा झटका लगा। पिछले हफ्ते, बीएसई सेंसेक्स 863.18 अंक या 1.05 प्रतिशत टूट गया। इस दौरान टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इंफोसिस, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और बजाज फाइनेंस के मार्केट कैप में संयुक्त रूप से 1,35,349.93 करोड़ रुपये की गिरावट आई। दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर का मार्केट कैप बढ़ा। इन तीनों कंपनियों ने कुल मिलाकर 39,989.72 करोड़ रुपये जोड़े।
टीसीएस का मार्केट कैप 47,487 करोड़ घटा
टीसीएस का मार्केट कैप 47,487.40 करोड़ रुपये घटकर 10,86,547.86 करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण 29,936.06 करोड़ रुपये घटकर 10,74,903.87 करोड़ रुपये रह गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का मूल्यांकन 32,013.18 करोड़ रुपये बढ़कर 5,99,462.97 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही। उसके बाद एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलआईसी और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।
अमेरिकी टैरिफ से टूटा था बाजार
पिछले हफ्ते डोनाल्ड ट्र्रंप द्वारा भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के ऐलान से बाजार टूटा था। मार्केट एक्सपर्ट मुताबिक, अमेरिकी सरकार के 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के ऐलान के बाद वैश्विक व्यापार में गतिरोध की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने भी धारणा को कमजोर किया। इससे भारतीय बाजार में गिरावट रही। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, अमेरिका के शुल्क धमकियों और दंडात्मक शुल्कों के दबाव में भारतीय इक्विटी बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट में रहे। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से भी निवेशक धारणा कमजोर हुई है।