Supreme Court gave instructions After divorce husband will have to give flat worth Rs 4 crore to his- India TV Hindi
Image Source : SUPREME COURT
प्रतीकात्मक तस्वीर

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक दंपति की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली और साथ ही व्यक्ति को निर्देश दिया कि वह अलग रह रही पत्नी को अपना चार करोड़ रुपये का मुंबई स्थित फ्लैट सौंप दे। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए (महिला के साथ क्रूरता करना), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 34 के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को भी रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से दोनों पक्षों के बीच कटु संबंध हैं और कई कानूनी कार्यवाहियां लंबित हैं, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि उनकी शादी “पूरी तरह से टूट चुकी है।”

कोर्ट ने क्या कहा?

पीठ ने कहा, “हम संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत दायर अर्जी को भी स्वीकार करते हैं, जिसमें अपीलकर्ता और दूसरे प्रतिवादी के बीच विवाह को समाप्त करने का अनुरोध किया गया है। यह अर्जी दोनों पक्षों के सर्वोत्तम हित में और पूर्ण न्याय के लिए है, क्योंकि यह पाया गया है कि वैवाहिक रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका है।” शीर्ष अदालत ने कहा कि गुजारा भत्ते का और दावा उचित नहीं है, खासकर अपीलकर्ता की बेरोजगार स्थिति को देखते हुए। शीर्ष अदालत ने पूर्व बैंकर को अपार्टमेंट के रखरखाव शुल्क के रूप में एक सितंबर, 2025 तक हाउसिंग सोसाइटी में बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने विवाह के पक्षकारों द्वारा शुरू की गई सभी दीवानी और आपराधिक कार्यवाहियों को बंद कर दिया। पीठ ने कहा, “विवाह से संबंधित किसी भी पहलू पर संबंधित पक्षों द्वारा आगे कोई भी दीवानी या आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जाएगी।”

(इनपुट-भाषा) 

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