
सांकेतिक तस्वीर
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का निजी सहायक (Personal Assistant) बताकर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। 18 लोगों से 55 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में जलगांव के एक दंपति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सरकारी नौकरी और मकान दिलाने का झांसा
पुलिस अधिकारी ने कहा कि जलगांव के पचोरा के रहने वाले हितेश रमेश संघवी और उनकी पत्नी अर्पिता संघवी ने लोगों को सरकारी नौकरी, निविदा, म्हाडा (महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के मकान आदि दिलाने का वादा किया था।
सांघवी ने खुद को बताया डिप्टी सीएम शिंदे का पीए
अधिकारी ने कहा, ‘डेरी व्यवसायी हर्षल बारी सांघवी के संपर्क में आया। सांघवी ने बारी को बताया कि वह उपमुख्यमंत्री का पीए है और मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में उसका कार्यालय है। बारी ने उसे म्हाडा के फ्लैट के लिए 10 लाख रुपये और उसकी पत्नी को रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए सात लाख रुपये दिए।’
पति-पत्नी लोगों को दिखाते थे फर्जी दस्तावेज
उन्होंने कहा, ‘आरोपी लोगों को ठगने के लिए फर्जी दस्तावेज और नियुक्ति पत्र दिखाते थे। बारी ने उन्हें नवंबर 2024 से आठ अगस्त 2025 के बीच 13.38 लाख रुपये दिए थे। ठगे जाने का एहसास होने पर बारी ने गुरुवार को शिकायत दर्ज कराई।’
दोनों के खिलाफ केस दर्ज
पुलिस की टीम ने सांघवी दंपति के खिलाफ शनिपेठ पुलिस थाने में धोखाधड़ी सहित सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस पूरे मामले पर छानबीन शुरू कर दी गई है। (भाषा के इनपुट के साथ)