असम का चुटिया समुदाय- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO (PIXABAY)
असम का चुटिया समुदाय

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के एक ‘एक्स’ पोस्ट पर सोशल मीडिया में बवाल मचा हुआ है, जिसमें राज्य की ‘चुटिया समुदाय’ को आरक्षण देने की बात कही गई है। लेकिन सोशल मीडिया पर जो लोग इसके बारे में नहीं जानते उनलोगों ने इस समुदाय के नाम को पढ़कर हैरानी जताई और सीएम सरमा के ट्वीट पर खूब सारे कमेंट्स आए। जो लोग नहीं जानते उन्हें जरूर जानना चाहिए ये एक खास समुदाय है जिसके पीछे एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास छिपा है, जिसे सुनकर और जानकर आप भी सलाम करेंगे।

सीएम सरमा के किस ट्वीट पर मचा बवाल

सीएम सरमा ने सोशल मीडिया हैंडल से ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि दशकों तक इस समुदाय की आकांक्षाओं को अनदेखा किया गया, लेकिन अब उन्हें उनका हक मिल रहा है। सरकार ने वीरांगना सती साधनी की प्रतिमा, 77 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, एक राज्य विश्वविद्यालय और अब उच्च शिक्षा में आरक्षण जैसे कदम उठाए हैं। इस फैसले के तहत राज्य विश्वविद्यालयों में 18 सीटें, पॉलिटेक्निक में 9 सीटें और इंजीनियरिंग कॉलेजों में 32 सीटें चुटिया छात्रों के लिए आरक्षित होंगी।

Image Source : FILE PHOTO (PIXABAY)

असम का चुटिया समुदाय

आप जो भी समझना हो समझें, इसके पीछे है इतिहास

दरअसल, जिस ‘चुटिया’ शब्द को अंग्रेजी में  हम लोग किसी के लिए भी गाली के रूप में यूज़ कर लेते हैं, वो कोई ऐसा वैसा शब्द नहीं है। हिंदी में देखें तो चुटिया का मतलब बालों को गूंथकर बनाई गई चोटी का छोटा रूप भी नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि असम में एक आदिवासी जनजाति है, जिसका नाम ‘चुटिया’ और ‘सुटिया’ है और इन लोगों को ‘चुटिया समुदाय’ के नाम से भी जाना जाता है। इस समुदाय का संबंध  मंगोलिया के चीन-तिब्बती परिवार से है, ये उसी परिवार के वंशज बताए जाते हैं। 

कौन हैं चुटिया समुदाय?

चुटिया समुदाय असम की एक प्राचीन और खास जनजाति है, जो मुख्य रूप से ऊपरी असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, धेमाजी और लखीमपुर जिलों में रहती है। ऐतिहासिक तौर पर, इस समुदाय ने 12वीं से 16वीं शताब्दी तक ब्रह्मपुत्र घाटी में चुटिया साम्राज्य की स्थापना की थी। यह साम्राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, कृषि उत्पादन और सामाजिक योगदान के लिए प्रसिद्ध था। 1523-24 में अहोम साम्राज्य द्वारा इस राज्य को अपने में शामिल कर लेने के बाद, चुटिया आबादी का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ और वे ऊपरी असम के अन्य हिस्सों के साथ-साथ मध्य असम में भी फैल गए। 

Image Source : FILE PHOTO (PIXABAY)

असम का चुटिया समुदाय

कहां रहते हैं चुटिया समुदाय के लोग 

‘असमिया क्रॉनिकल’ के अनुसार इस समुदाय का नाम सातवीं शताब्दी की शुरुआत में ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर निवास करने वाले ‘चुटिया सम्राट’ अस्सम्भिना के नाम पर रखा गया है। उस काल में चुटिया वंश के लोगों ने वर्तमान के भारतीय राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश में अपने साम्राज्य का गठन किया और वहां पर सन 1187 से सन 1673 तक राज किया। ऐसा माना जाता है कि असम में रहने वाला ये समूह पहला ऐसा समूह है, जिसके लोग दक्षिणी चीन (वर्तमान में तिब्बत और सिचुआन) से स्थानांतरित होकर आये थे।

Image Source : FILE PHOTO (PIXABAY)

असम का चुटिया समुदाय

प्राचीन काल में चुटिया समुदाय के लोग पूरे राष्ट्र का संचालन ब्रह्मपुत्र के उत्तरी छोर से करते थे। पहले ये लोग तिब्बती-बर्मन मूल की भाषा बोलते थे, लेकिन धीरे-धीरे इन्होंने हिंदू धर्म को अपनाने के साथ असमिया बोलना शुरू कर दिया। कहा जाता है कि इन लोगों के निवास का मूल स्थान असम आकर बसने से पहले सिचुआन हुआ करता था।

लोकगीतों में मिलता है बखान

आर एम नाथ ने अपनी किताब बैकग्राउंड ऑफ असमीज कल्चर में दावा किया है कि पहाड़ की चोटी (जिसे यहां की भाषा में चूट कहा जाता है) यहीं से चुटिया शब्द की उत्पत्ति हुई। ऊपरी असम के मैदानी इलाकों में आने से पहले ये लोग पहाड़ों पर ही रहते थे। इस समुदाय के बहुत सारे लोकगीत हैं, जिसके जरिए वो कहते हैं कि वो भूमिक्का औऱ सुबाहु के वंशज हैं। चुटिया समुदाय के लोग माता काली के विभिन्न अवतारों की पूजा करते हैं। इस समुदाय केलोग हिंदू भी हैं और काफी बड़ी तादाद में हैं।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version