US Fed Rate Cut: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने बुधवार को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा कर दी। फेडरल रिजर्व ने अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई को ध्यान में रखते हुए प्रमुख ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया है। इस कटौती के बाद अमेरिका की प्रमुख ब्याज दरें 4.25%-4.5% से घटकर 4.00%-4.25% हो गई हैं। 16 सितंबर को शुरू हुई फेड रिजर्व की मीटिंग का आज आखिरी दिन था, जिसमें अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इस साल पहली बार ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया। अमेरिका में आखिरी बार पिछले साल दिसंबर में ब्याज दरें घटाई गई थीं।
फेडरल रिजर्व ने बयान में क्या कहा
फेडरल रिजर्व ने अपने बयान में कहा, ”हाल के संकेतक बताते हैं कि साल की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियों की वृद्धि धीमी रही। रोजगार में वृद्धि धीमी हुई है और बेरोज़गारी दर में वृद्धि हुई है, लेकिन ये कम बनी हुई है। मुद्रास्फीति बढ़ी है और कुछ हद तक ऊंची बनी हुई है। कमेटी लंबी अवधि में अधिकतम रोजगार और 2 प्रतिशत की दर से मुद्रास्फीति प्राप्त करने की कोशिश कर रही है। आर्थिक परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। समिति अपने दोहरे अधिदेश के दोनों पक्षों के जोखिमों के प्रति सजग है और उसका मानना है कि रोजगार के लिए नकारात्मक जोखिम बढ़ गए हैं।”
अमेरिका में बेरोजगारी के साथ-साथ बढ़ रही है महंगाई
अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। अमेरिकी श्रम विभाग के मुताबिक अगस्त में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गई, जो अनुमान से ज्यादा और 2021 के बाद से उच्चतम स्तर पर है। इसके अलावा, अमेरिका में खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में सालाना आधार पर बढ़कर 2.9 प्रतिशत हो गई। मुख्य रूप से गैस, किराने का सामान, होटल के कमरे, हवाई किराया, कपड़े और पुरानी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की वजह से अमेरिका में महंगाई बढ़ी है। इससे पिछले महीने जुलाई में ये 2.7 प्रतिशत थी। अगस्त में महंगाई में हुई बढ़ोतरी जनवरी के बाद सबसे ज्यादा थी। अमेरिका में बेरोजगारी और महंगाई जैसे अहम मुद्दों को ध्यान में रखते हुए फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें घटानी पड़ी हैं।
इस साल रेपो रेट में 1.00 प्रतिशत की कटौती कर चुका है आरबीआई
बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक इस साल 3 बार में रेपो रेट में 1.00 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। आरबीआई ने इस साल फरवरी में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद, अप्रैल में लगातार दूसरी बार एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई थी, जिसके बाद ये 6.00 प्रतिशत पर आ गया था। आरबीआई ने आखिरी बार जून में रेपो रेट में सीधे 0.50 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी, जिसके बाद रेपो रेट 5.50 प्रतिशत हो गया। अगस्त में हुई एमपीसी की मीटिंग में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया गया था। आरबीआई की अगली एमपीसी मीटिंग अक्टूबर में होगी।