
संतोष कुमार सुमन, मंत्री
गयाजी: बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा में अब ज्यादा दिन बाकी नहीं रह गए हैं। इस सियासी पिच पर दो बड़े गठबंधन एक दूसरे के सामने होंगे। एक तरफ नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए तो दूसरी तरफ तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन। दोनों ही गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अंदरखाने चर्चा तेज हो चुकी है। इस बीच बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि हमारी तैयारी चल रही है। 28 28 सितंबर के बाद सीटों पर चर्चा करेंगे। 5-6 अक्टूबर तक सब हो जाएगा। NDA में कोई मतभेद या मनभेद नहीं है।”
पटना में सियासी सरगर्मी बढ़ी
उधर, चुनाव करीब आते ही पटना में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई राजग सरकार पर “नोटचोर” होने का आरोप लगाया और दावा किया कि भ्रष्टाचार एवं अपराध “डबल इंजन” सरकार के असली दो इंजन हैं। कार्य समिति में पारित बिहार से संबंधित प्रस्ताव में भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) के गठबंधन को अपवित्र बताया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है, “नीतीश कुमार के खोखले वादों और विश्वासघात से आक्रोशित होकर आज बिहार की जनता सड़कों पर है। मुख्यमंत्री के रूप में 20 वर्षों के लंबे कार्यकाल के बावजूद उन्होंने जनता को सशक्त बनाने के लिए बेहद कम काम किया है। कभी 27 प्रतिशत रहने वाला चीनी उत्पादन घटकर सिर्फ़ तीन प्रतिशत पर सिमट गया है और औद्योगिक विकास लगभग ठप है। ”
ग़रीबी और पिछड़ेपन की ओर बिहार
कार्य समिति ने दावा किया कि राज्य की पूंजीगत आवश्यकताओं का महज़ 33 प्रतिशत ही स्वयं राज्य द्वारा पूरा किया जा रहा है, शेष के लिए बिहार को केंद्र, विकास बैंकों और ऋणों पर निर्भर रहना पड़ता है तथा यह ऋण-निर्भरता बिहार को और अधिक ग़रीबी और पिछड़ेपन की ओर धकेल रही है। उसने यह भी कहा, ” जदयू और भाजपा के अपवित्र गठबंधन के बाद, भ्रष्टाचार और अपराध तथाकथित “डबल इंजन सरकार” के असली इंजन बन कर सामने आये हैं।” कार्य समिति ने आरोप लगाया, ” यह सरकार नोटचोर है, इसका सबसे बड़ा सबूत सीएजी की रिपोर्ट है, जिसमें बिहार के 49,649 लंबित उपयोगिता प्रमाण-पत्र का उल्लेख हैं और इनकी राशि भयावह 70,877 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। इसे सिर्फ भ्रष्टाचार कहना कम होगा, यह संगठित लूट है, दिन-दहाड़े डकैती है, जिसने जनता का खून चूसकर सत्ता को पाला-पोसा है। ”
अशोक चौधरी पर भी साधा निशाना
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का नाम लिए बगैर कार्य समिति के प्रस्ताव में कहा गया, “नीतीश कुमार के सबसे क़रीबी सहयोगी के इर्द-गिर्द सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार घोटाले उजागर हो चुके हैं। ” प्रस्ताव में यह दावा भी किया गया है कि जब करोड़ों भूखे, बेघर और भूमिहीन सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं, एनडीए सरकार ने भागलपुर में एक हज़ार एकड़ से ज़्यादा ज़मीन अपने हितैषी बिजनेस ग्रुप को एक बिजली परियोजना के लिए एक रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से पट्टे पर दे दी है। कार्य समिति ने दावा किया, ” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बिहार यात्रा के पीआर हथकंडों से परे, सच्चाई साफ़ है कि राजग सिर्फ़ वोट चोर ही नहीं, बल्कि ज़मीन चोर भी है।” उसने कहा कि इस ज़मीन चोर सरकार ने बिहार भूमि सर्वेक्षण 2025 (बीएलएस) के ज़रिए बिहार में ठीक वैसे ही भय और अराजकता फैला दी है, जैसे उसने एसआईआर के ज़रिए दहशत फैलाई थी।