
वोलोदिमिर जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप।
न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ मुलाकात में बड़ा बयान दिया है। जब उनसे पूछा गया कि अगर रूसी विमान नाटो (NATO) देशों के हवाई क्षेत्र में घुसते हैं तो क्या उन्हें मार गिराना चाहिए, तो ट्रंप ने साफ कहा, ‘हां, मैं ऐसा सोचता हूं।’ वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर भरोसे के सवाल पर ट्रंप ने जवाब दिया, ‘मैं आपको एक महीने बाद बताऊंगा।’ यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग तेज हो रही है।
‘यूक्रेन पर रूस के हमले बढ़ते जा रहे’
जेलेंस्की ने इस मुलाकात को ‘अच्छा’ बताया और कहा कि बातचीत सकारात्मक रही। यूक्रेन पर रूस के हमले बढ़ते जा रहे हैं, जिसके चलते यूरोप के पूर्वी देशों में बेचैनी है। जेलेंस्की ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘हम अब अमेरिका से भी कड़े प्रतिबंधों की उम्मीद करते हैं। यूरोप अपना काम कर रहा है।’ ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह मॉस्को पर ‘बड़े प्रतिबंध’ लगाने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए नाटो देशों को रूस से तेल खरीदना बंद करना होगा। ट्रंप ने सीजफायर की कोशिश भी की, लेकिन रूस ने इसे तवज्जो नहीं दी।
NATO ने यूरोप की पूर्वी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई
जेलेंस्की ने ट्रंप के साथ मुलाकात में यूक्रेन के लिए लंबे समय तक सुरक्षा की गारंटी की मांग भी उठाई, ताकि भविष्य में रूस के हमलों से बचा जा सके। हालांकि, पुतिन ने चेतावनी दी है कि वह यूक्रेन में पश्चिमी देशों के सैनिकों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने हाल ही में यूक्रेन पर 40 मिसाइलों और करीब 580 ड्रोनों से हमला किया, जिसमें कम से कम 3 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। यह हाल के महीनों का सबसे बड़ा हमला था। इसके जवाब में NATO देशों ने यूरोप की पूर्वी सीमाओं पर अपनी सुरक्षा बढ़ा दी।
एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में घुसे रूसी विमान?
पोलैंड की सेना ने बताया कि रूसी हमलों के बाद पोलिश और NATO के जेट विमानों ने ‘प्रिवेंटिव ऑपरेशन’ किया। ब्रिटेन ने भी अपने फाइटर जेट्स को पोलैंड के आसमान में NATO मिशन के तहत भेजा, ताकि रूसी हवाई खतरों का मुकाबला किया जा सके। शुक्रवार को 3 रूसी फाइटर जेट्स के एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में घुसने की खबर आई। रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस घटना से इनकार किया, लेकिन एस्टोनिया के अधिकारियों ने रडार और चश्मदीदों के हवाले से इसकी पुष्टि की। एस्टोनिया के मिलिट्री इंटेलिजेंस सेंटर के प्रमुख कर्नल एंट्स किविसेल्ग ने कहा कि यह अभी साफ नहीं है कि यह घुसपैठ जानबूझकर की गई थी या नहीं। (ANI)