
तेजस्वी यादव और अशोक गहलोत।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्षी महागठबंधन ने गुरुवार को एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रीय जनता दल यानी कि RJD के नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया। महागठबंधन ने विकासशील इंसान पार्टी यानी कि VIP के प्रमुख मुकेश सहनी को डिप्टी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया। यह ऐलान पटना में महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया। हालांकि, गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर अभी भी 11 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ चल रही है, जिससे एकता पर सवाल उठ रहे हैं।
‘अन्य जातियों के नेता भी बनेंगे डिप्टी सीएम’
महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और वाम दलों के नेता इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। अशोक गहलोत ने कहा, ‘हम सबने मिलकर फैसला किया है कि इन चुनावों में तेजस्वी यादव को सीएम फेस के रूप में समर्थन देंगे।’ उन्होंने मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस बताते हुए कहा, ‘मुकेश सहनी अत्यंत पिछड़े वर्ग से आते हैं। इसके अलावा, पिछड़ी जातियों के अन्य नेताओं को भी डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।’ गहलोत ने स्पष्ट किया था कि गठबंधन में कोई बड़ा विवाद नहीं है और 243 सीटों में से 5-10 पर विवाद होना सामान्य बात है।
एनडीए पर तेजस्वी का हमला, नीतीश पर सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने NDA पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘महागठबंधन ने तो सीएम का फेस घोषित कर दिया, लेकिन NDA की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है, यह अब तक क्लियर नहीं है। बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ छल किया है। अभी बीजेपी ने नीतीश कुमार को खत्म कर दिया है, चुनाव के बाद उनकी पार्टी को भी खत्म कर देगी। अगर बीजेपी की नीयत साफ है, तो ऐलान करे कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। अमित शाह का बयान साफ दिखाता है कि बीजेपी नीतीश को सीएम नहीं बनाएगी।’
JDU-BJP का पलटवार, ‘CM पद पर कोई वैकेंसी नहीं’
तेजस्वी की चुनौती पर एनडीए ने तुरंत जवाब दिया। सारण में रैली को संबोधित करते हुए JDU के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा, ‘महागठबंधन के नेता 14 नवंबर तक किसी को भी सीएम बनाने का सपना देखते रहें, लेकिन बिहार में सीएम पद पर कोई वैकेंसी नहीं है। 2030 तक नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री होंगे।’ बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘आज साफ हो गया कि कांग्रेस ने आरजेडी के सामने सरेंडर कर दिया है। जो पार्टी खुद को देश की सबसे पुरानी नेशनल पार्टी बताती है, वह एक रीजनल पार्टी की पिछलग्गू बन जाए, तो महागठबंधन का हाल समझ लीजिए।’
महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव को सीएम फेस और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित किया गया।
पोस्टर विवाद: राहुल गांधी की फोटो गायब क्यों?
प्रेस कॉन्फ्रेंस से एक नया विवाद पैदा हो गया। मंच पर तेजस्वी के अलावा किसी की फोटो नहीं लगी, जिससे कांग्रेस समर्थक नाराज हो गए। निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, ‘राहुल गांधी ने बिहार में महागठबंधन के लिए माहौल बनाया था। राहुल के नाम पर ही वोट मिलते हैं। लेकिन आज पोस्टर पर राहुल गांधी की तस्वीर भी नहीं लगाई गई। यह गलत है। इस तरह के अहंकार से नुकसान होगा।’ एनडीए ने इस विवाद को हवा दी। चिराग पासवान ने कहा, ‘आज तेजस्वी यादव का अहंकार सामने आ गया। अगर उन्हें राहुल गांधी की फोटो नहीं लगानी थी, तो कम से कम मंच पर बैठे सहयोगी दलों के नेताओं की फोटो तो लगा देते। कांग्रेस के बिहार अध्यक्ष अनुसूचित जाति से आते हैं, लेकिन उनकी तस्वीर भी नहीं लगाई। इससे तेजस्वी के मन में दलितों के लिए कितना सम्मान है, पता चल जाता है।’
फ्रेंडली फाइट: 11 सीटों पर अभी भी 2-2 उम्मीदवार
बुधवार तक 14 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने थे। आज 3 सीटों पर पर्चे वापस लिए गए: बाबूबरही पर VIP के बिंदु गुलाब सिंह यादव, प्राणपुर पर कांग्रेस के तौकीर आलम (जिन्होंने दो सीटों से नामांकन किया था, अब सिर्फ बरारी से लड़ेंगे) और वारिसलीगंज पर कांग्रेस के सतीश कुमार। लेकिन अभी भी 11 सीटों पर फ्रेंडली फाइट बरकरार है: कहलगांव, गौड़ाबौराम, बिहारशरीफ, राजपाकर, वैशाली, नरकटियागंज, चैनपुर, बेलदौर, करगहर, सिकंदरा और सुल्तानगंज। गौड़ाबौराम पर मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी (VIP) और RJD के अफजल खान मैदान में हैं। RJD ने अफजल को नाम वापस लेने को कहा और चिट्ठी भी जारी की, लेकिन अफजल ने कहा, ‘मुझे कोई फोन नहीं आया। चिट्ठी फर्जी हो सकती है। मैं मैदान में डटा हूं और जीतूंगा भी।’
लालू के मना करने के बावजूद डटे ये नेता
लालू यादव के साफ मना करने के बावजूद कई नेता महागठबंधन के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में डटे हैं। इनमें RJD के ही कुछ असंतुष्ट नेता शामिल हैं, जैसे मोहानिया से रितु जायसवाल (जिन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया) और अन्य सीटों पर विद्रोही उम्मीदवार। जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने भी कहा कि महागठबंधन के झगड़े खुद उनकी हार का कारण बनेंगे। पप्पू यादव ने भी गठबंधन के फैसलों पर सवाल उठाए। ये नेता लालू के निर्देशों की अनदेखी कर गठबंधन के खिलाफ खड़े हैं, जिससे वोट बंटने का खतरा बढ़ गया है।
एनडीए का मजबूत कैंपेन, नीतीश की रैलियां
दूसरी तरफ, NDA में सीटों पर कोई झगड़ा नहीं दिखा। नीतीश कुमार ने आज 3 रैलियां कीं। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला न करते हुए अपने कामों पर फोकस किया। नीतीश ने कहा, ’20 साल में बिहार की तस्वीर बदल दी। संगठित अपराध खत्म किया, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारा। पिछले पांच साल में 10 लाख नौकरियां दीं और 40 लाख रोजगार पैदा किए। आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।’ नीतीश की ऊर्जा देखकर जो लोग उनकी सेहत पर सवाल उठा रहे थे, वे हैरान हैं। एनडीए को एंटी-इनकंबेंसी का फायदा मिल सकता है। शुक्रवार से एनडीए का कैंपेन तेज होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आ रहे हैं, जबकि गृह मंत्री अमित शाह भी रैलियां करेंगे। गुरुवार को पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विपक्षी गठबंधन पर निशाना भी साधा था।
देर से आई एकजुटता, लेकिन समय कम
कहावत है ‘देर आए दुरुस्त आए’, लेकिन कई एक्सपर्ट का मानना है कि महागठबंधन में सब दुरुस्त होने में कुछ ज्यादा ही वक्त लग गया। दो महीने पहले तेजस्वी मजबूत दिख रहे थे, लेकिन सीट बंटवारे और डिप्टी सीएम की मांग पर महागठबंधन में विवाद हो गया। लालू तेजस्वी को सीएम फेस बनाना चाहते थे, कांग्रेस अपनी मर्जी की सीटें चाहती थी, मुकेश सहनी डिप्टी सीएम का पद। अभी ऊपर से तो बात बन गई है, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की तकरार बाकी है। चुनाव पूरे जोरों पर हैं, नीतीश रैलियां कर रहे हैं, जबकि तेजस्वी झगड़े सुलझाने में लगे थे। अब उनका कैंपेन कल से शुरू होगा। बिहार की 243 सीटों पर पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।