
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा के साथ (फाइल)
वाशिंगटनः अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारतीय मूल की अपनी पत्नी उषा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं वास्तव में चाहता हूं कि मेरी पत्नी हिंदू धर्म को त्यागकर अब क्रिश्चियन (ईसाई) बन जाएं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि एक दिन वह कैथोलिक चर्च से प्रभावित होकर ईसाई धर्म अपना लेंगी। जेडी वेंस ने 2019 में कैथोलिक धर्म अपनाया था और कहा कि जब वह अपनी पत्नी उषा वेंस से मिले तो वे खुद को एक अज्ञेयवादी या नास्तिक मानते थे।
एक दिन उषा खुद बन जाएंगी ईसाईः वेंस
वेंस ने कहा कि मेरे बच्चे ईसाई परवरिश में पले-बढ़े हैं, और वे एक ईसाई स्कूल में भी पढ़ते हैं। जेडी वेंस ने मिसिसिपी में टर्निंग पॉइंट यूएसए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वे आशा करते हैं कि उनकी हिंदू पृष्ठभूमि वाली पत्नी उषा वेंस एक दिन कैथोलिक चर्च से “प्रभावित” होकर ईसाई धर्म अपना लेंगी।”अब, अधिकांश रविवारों को उषा मेरे साथ चर्च जाती हैं। जैसा कि मैंने उन्हें सार्वजनिक रूप से कहा है और मैं अब अपने 10,000 सबसे करीबी दोस्तों के सामने कह रहा हूं…क्या मैं आशा करता हूं कि अंततः वह भी चर्च में वही चीज महसूस करें जो मैंने महसूस की? हां, मैं वास्तव में चाहता हूं.. क्योंकि मैं ईसाई धर्म में विश्वास करता हूं और आशा करता हूं कि अंततः मेरी पत्नी इसे उसी तरह देखें।”
वेंस ने कहा-मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी भी करें विश्वास
वेंस ने कहा कि जिस तरह मैं ईसाई धर्म में भरोसा करता हूं, वैसे ही चाहता हूं कि मेरी पत्नी भी मेरा जैसा ही इसे महसूस करें। हालांकि वेंस से जब पूछा गया कि क्या उषा अंततः “क्रिश्चियन के पास आएंगी” तो उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी का विश्वास “मेरे लिए कोई समस्या नहीं पैदा करता…लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करतीं, तो भगवान कहते हैं कि हर किसी को स्वतंत्र इच्छा है….और इसलिए मेरे लिए इससे कोई समस्या नहीं है। यह वह चीज है जिसे आप अपने दोस्तों के साथ, परिवार के साथ, और जिस व्यक्ति से आप प्यार करते हैं उसके साथ सुलझाते हैं।
ईसाई मूल्य देश के आधार
वेंस ने अपने भाषण में ‘विश्वास’ को महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हुए कहा, “मैं इस देश के लिए ईसाई मूल्यों को महत्वपूर्ण आधार मानने के लिए कोई माफी नहीं मांगता। जो कोई भी आपको बता रहा है कि उनका दृष्टिकोण तटस्थ है, वह संभवतः आपको कोई एजेंडा बेचना चाहता है और मैं कम से कम ईमानदार हूं कि मुझे लगता है कि इस देश का ईसाई आधार एक अच्छी चीज है।”यह बयान एच-1बी वीजा को लेकर बढ़ती बहस के बीच आया है, जिनमें भारतीय समुदाय सबसे बड़ा लाभार्थी है। इसके कारण भारतीयों के खिलाफ नस्लवाद और घृणा भाषण में वृद्धि हुई है, जिसमें भारतीयों को निर्वासित करने की मांगें शामिल हैं।
भारतीय मूल के लोगों को दीवाली की शुभकामना देने पर ट्रोल हुए काश पटेल और तुलसी गाबार्ड
नेशनल इंटेलिजेंस की निदेशक और अमेरिकी कांग्रेस में चुनी गई पहली हिंदू महिला तुलसी गबार्ड ने एक्स पर दिवाली मना रहे लोगों को बधाई दी, तो कुछ अमेरिकी उपयोगकर्ताओं ने टिप्पणियों में कहा- “दिवाली अन-अमेरिकन है। भारत चले जाओ” और “मेरे देश से बाहर हो जाओ।”इस तर एफबीआई निदेशक काश पटेल को भी उनकी दिवाली पोस्ट के तहत इसी तरह की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “यीशु की तलाश करो। वह रास्ता, सत्य और प्रकाश है।” एक अन्य ने कहा, “पश्चाताप करो और प्रभु यीशु मसीह में विश्वास करो उद्धार के लिए।” इन घटनाओं के बाद जब वेंस से सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने जोड़े के विश्वास, परिवार और व्यक्तिगत विश्वास को संतुलित करने के तरीके पर उक्त जवाब दिए। इस पर उन्हें रूढ़िवादी दर्शकों से तालियां मिलीं।
