
पाकिस्तान के लिए कैसे सिरदर्द बने अफगानी?
नई दिल्ली: एक राक्षस था ‘भस्मासुर’। उसने भगवान महादेव की कृपा पाने के लिए कठोर तपस्या की। उसकी भक्ति देखकर भोला बाबा भी खुश हुए और उसे वरदान दे दिया कि तुम जिसके सिर पर हाथ रखोगे वह भस्म हो जाएगा। ये वरदान पाते ही भस्मासुर ने गद्दारी कर दी और भगवान शंकर को नुकसान पहुंचाने की नीयत से उनके पीछे ही दौड़ पड़ा। फिर भगवान विष्णु, मोहिनी रूप धारण करते हैं और भस्मासुर को अपने मोह में फंसाकर उसका हाथ उसके ही सिर पर रखवा देते हैं। इससे भस्मासुर खुद के जाल में फंस जाता है और अपने ही वरदान के कारण खुद के हाथों भस्म हो जाता है। अब बात करते हैं पाकिस्तान की क्योंकि ये कहानी पाकिस्तान और तालिबान के किस्से पर बिल्कुल फिट बैठती है। क्योंकि पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर और विदेश मंत्री इशाक डार ने तालिबान का रोना रोते हुए कहा कि काबुल में चाय का प्याला पीना पाकिस्तान को बहुत महंगा पड़ गया। इस खबर में पढ़ें अफगानिस्तान को अपनी स्ट्रैटेजिक डेप्थ बताने वाले पाकिस्तान के लिए तालिबान कैसे सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया।
इशाक डार को क्यों आई चाय के प्याले की याद?
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ‘चाय का प्याला’ पीना पाकिस्तान के लिए महंगा साबित हुआ। ऐसी गलती दोबारा नहीं करनी है। बुधवार को सीनेट में बोलते हुए इशाक डार ने इमरान खान की तत्कालीन पीटीआई सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उस ‘चाय के प्याले’ और सहानुभूति के चक्कर में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए अपनी सीमाएं खोल दी थीं। यह फैसला सबसे बड़ी भूल थी।
इमरान-ISI की गलती पाकिस्तान को पड़ी भारी!
गौरतलब है कि इशाक डार की ये टिप्पणी तत्कालीन ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की 2021 की काबुल यात्रा का जिक्र करती है, जो अफगानिस्तान से अमेरिका और उसकी सहयोगी सेनाओं की वापसी के तुरंत बाद हुई थी। फैज हमीद ने काबुल में तालिबान के अधिकारियों के साथ बैठकर चाय पी थी और दुनिया को दिखाने की कोशिश की थी कि पाकिस्तान, अफगानों के साथ है। हालांकि अब डार ने कहा कि पाकिस्तान उस फैसले की कीमत अभी तक चुका रहा है।
इशार डार ने लगाए गंभीर आरोप
एआरवाई न्यूज के मुताबिक, इशाक डार ने पाकिस्तान में हुई आतंकवादी हमलों की बढ़ोतरी को कथित तौर पर अफगानिस्तान की धरती से ऑपरेट कर रहे आतंकवादी संगठनों से जोड़ा। पाकिस्तान इनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, फितना अल-ख्वारिज और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का शामिल होना बताता है।
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