india SHANTI Bill passed by lok sabha and rajya sabha- India TV Hindi
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संसद के दोनों सदनों से पास हुआ SHANTI बिल। (फाइल फोटो)

संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा ने ‘सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’ (SHANTI) बिल 2025 को पास कर दिया है। बता दें कि इस बिल में परमाणु ऊर्जा के सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को मंजूरी देने का प्रावधान किया गया है। सत्ता पक्ष ने इस बिल के पास होने को ऐतिहासिक और भारत को विकसित देश बनाने के लिए काफी अहम करार दिया है। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि ये बिल केवल निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाया गया है। वहीं, पीएम मोदी ने इस बिल के पास होने को देश के लिए परिवर्तनकारी क्षण बताया है।

क्या बोले पीएम मोदी?

लोकसभा और राज्यसभा द्वारा SHANTI बिल को पास किए जाने पर पीएम मोदी ने कहा- “संसद के दोनों सदनों द्वारा SHANTI विधेयक का पारित होना हमारे तकनीकी परिदृश्य के लिए एक परिवर्तनकारी क्षण है। इसे पारित करने के लिए समर्थन देने वाले सांसदों के प्रति मेरा आभार। AI को सुरक्षित रूप से सशक्त बनाने से लेकर ग्रीन मैन्यूफैक्चरिंग को सक्षम करने तक, यह देश और दुनिया के लिए स्वच्छ-ऊर्जा भविष्य को निर्णायक बढ़ावा देता है। यह प्राइवेट सेक्टर और हमारे युवाओं के लिए भी कई अवसर खोलता है। यह भारत में निवेश, इनोवेट और निर्माण का बढ़िया समय है।”

सरकार ने बिल को लेकर क्या कहा?

सरकार ने सदन में इस बिल को ऐतिहासिक बताया है और कहा है कि साल 2047 कर भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ये बिल अहम है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि “भारत की भौगोलिक स्तर पर भूमिका बढ़ रही है और ऐसे में हमें वैश्विक मानकों के अनुरूप होना होगा। यदि हमने 2047 तक 100 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य रखा है तो इसे पूरा करने में परमाणु क्षेत्र महत्वपूर्ण है।” उन्होंने ये भी कहा है कि “ये बिल बढ़ती ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी अहम है।”

विरोध करने वालों का क्या कहना है?

SHANTI बिल के दोनों सदनों से पास होने को लेकर विरोध भी देखने को मिल रहा है। बिजली इंजीनियरों के संगठन- ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) ने बताया है कि वह आगामी 23 दिसंबर को केंद्रीय श्रमिक संगठनों और किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के सदस्यों के साथ मिलकर इस बिल के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगा। संगठन का आरोप है कि ये बिल विधेयक भारत के नागरिक परमाणु क्षेत्र को प्राइवेट और विदेशी भागीदारी के लिए खोलता है। इसकी वजह से परमाणु सुरक्षा और जवाबदेही की संरचना कमजोर होगी। (इनपुट: भाषा)

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