
कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाला जोजिला पास अस्थायी रूप से बंद।
जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी का सिलिसिला शुरू हो गया है। ‘चिल्ला-ए-कलां’ यानी 40 दिन की कड़ाके की सर्दी शुरू होने से एक दिन पहले शनिवार को करगिल में ताजा बर्फबारी हुई, साथ ही बारिश भी देखने को मिली जिसकी वजह से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। बर्फबारी के बाद करगिल में तापमान शनिवार को माइनस तीन डिग्री पहुंच गया, इसके चलते जम्मू-कश्मीर में आसपास के इलाकों में ठिठुरन और ज्यादा बढ़ गई है। बर्फ, बारिश की बूंदों की तरह बरस रही है जिसससे सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं।
श्रीनगर-लद्दाख नेशनल हाईवे बंद
घाटी में बारिश और बर्फबारी के डबल अटैक का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। कंपकंपाती ठंड से लोग ठिठुरने को मजबूर हो गए हैं। आने वाले दिनों में पारा और लुढ़केगा। भारी बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लद्दाख नेशनल हाईवे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
आज कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग (IMD) ने कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में आज भी बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है, जबकि मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विपरीत मौसम से निपटने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के दोनों संभागों कश्मीर और जम्मू के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में संभावित भारी बर्फबारी से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। साथ ही उम्मीद जताई कि आने वाली बारिश और बर्फबारी से न केवल न केवल वायु प्रदूषण कम होगा, बल्कि विंटर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
क्या है ‘चिल्ला-ए-कलां’?
बता दें कि कश्मीर में आज से ‘चिल्ला-ए-कलां’ शुरू हो गया है। हर साल 21 दिसंबर से ‘चिल्ला-ए-कलां’ की शुरुआत होती है और कड़ाके की सर्दी की यह अवधि 31 जनवरी तक रहती है। कश्मीर का यह सबसे कठोर सर्दी का दौर माना जाता है। इस दौरान तापमान तेजी से गिरता है, पानी के स्रोत जमने लगते हैं और बर्फबारी की घटनाएं सबसे ज्यादा दर्ज की जाती हैं। चिल्ला-ए-कलां के दौरान घाटी में ठंड अपने चरम पर होती है और आम जनजीवन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
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