ब्रजेश पाठक और महाकुंभ में नहाते लोग

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ब्रजेश पाठक और महाकुंभ में नहाते लोग

उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य महकमा संभाल रहे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को कहा कि महाकुंभ स्नान के बाद त्वचा रोग का कोई मामला सामने नहीं आया है। उप मुख्यमंत्री पाठक ने यहां एक न्‍यास द्वारा आयोजित दो दिवसीय विचार महाकुंभ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने संगम के पानी की शुद्धता को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं का जिक्र किया।

कई विपक्षी नेताओं ने किया था ये दावा

दरअसल, विपक्षी नेताओं ने दावा किया था कि संगम में स्नान करने के बाद कई तीर्थ यात्री बीमार पड़ गए। यहां जारी एक बयान के अनुसार पाठक ने कुंभ के दौरान की गई साफ-सफाई की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘तीर्थयात्रियों की भारी संख्या के बावजूद, त्वचा रोग का कोई मामला सामने नहीं आया।’ 

आज से नहीं हो रहे भारतीय संस्कृति पर हमले- पाठक

उन्होंने गंगा की शुद्धता और कार्यक्रम के दौरान लागू किए गए स्वच्छता उपायों की सफलता पर जोर दिया। पाठक ने कहा कि ‘सनातन और भारतीय संस्कृति पर आज से हमले नहीं हो रहे हैं, तरह-तरह के आक्रमण सदियों से हो रहे हैं। हमारे वेद, पुराणों, श्रुतियों और स्मृतियों पर कुठाराघात किया गया।’ 

हमारी संस्कृति में मनुष्य श्रेष्ठ 

स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, ‘तक्षशिला और नालंदा जैसे शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्रों पर हमला किया गया, उन्हें नष्ट किया गया। मुगल और अंग्रेजों ने इसे नष्ट करने के लिए क्या जतन नहीं किए लेकिन हमारी संस्कृति अक्षुण्ण रही और वह दुनिया को मार्ग दिखती रही। हमारी संस्कृति में मनुष्य श्रेष्ठ है, जीव जंतु और वृक्ष भी हमारे परिवार का हिस्सा हैं। सारी सृष्टि हमारा परिवार है। यह सनातन के मूल में है।’ 

दुनिया के कोने-कोने से आए श्रद्धालु

पाठक ने कहा, ‘महाकुंभ में हमने देखा 90 साल की सास को उसकी बहू कंधे पर उठाकर ले जा रही है। किसी अन्य समाज या संस्कृति में यह असंभव है। महाकुंभ में पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से लोग आए, देश ही नहीं दुनिया के हर कोने से लोग आए।’ 

26 फरवरी को समाप्त हुआ महाकुंभ

उन्होंने कहा, ‘यह वैश्विक उत्सव भारत और भारतीयता का परिचायक बना है। 2014 के बाद से नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में आमूल चूल परिवर्तन आया है। आज हम गर्व से कहने लगे हैं कि हम भारतीय हैं।’ प्रयागराज में 13 जनवरी को शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी को समाप्त हुआ। (भाषा के इनपुट के साथ)





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