रमजान की मुबारकबाद

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रमजान की मुबारकबाद

इस साल 1 मार्च शनिवार की शाम चांद के दीदार के साथ माह-ए- रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। इस पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा यानी उपवास रखते हैं। रोजा बिना अन्न और जल के रखा जाता है। शाम के वक्त सूरज ढलने के बाद ही रोजेदार कुछ और पी सकते हैं जिसके इफ्तार कहा जाता है। वही सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहते हैं। सहरी खा कर ही रोजा रखा जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक रमजान के दौरान की गई इबादत का अन्य महीनों के मुकाबले कई गुना फल मिलता है।  ऐसे में दोस्तों और परिवार को इस पाक महीने की मुबारकबाद आप इन खास मैसेज और कोट्स के जरीए दे सकते हैं।

खुशियां नसीब हो जन्नत नसीब हो


तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो

कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का

मक्का और मदीना की जियारत नसीब हो

चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,

इबादत से भर जाए रोजा तुम्हारा,

हर नमाज हो कबूल तुम्हारी,

ये दुआ है खुदा से हमारी,

रमजान की मुबारकबाद!

जिक्र से दिल को आबाद करना,

गुनाहों से खुद को पाक करना

हमारी बस इतनी सी गुजारिश है कि

रमजान के महीने में हमें भी

खुद की दुआओं में याद रखना

मुबारक हो ये रमजान महीना

रब की इबादत का महीना

मोहब्बत उस माबूद की

अहमियत उस खुदा इल्म की

मुबारक हो आपको रमजान का महीना!

रमजान में तमन्नाएं आपकी सब पूरी हो जाएं,

आपका मुकद्दर हो इतना रौशन कि

आमीन कहने से सारी दुआएं कबूल हो जाएं

आपको और आपके परिवार को रमजान मुबारक!

ऐ माह-ए-रमजान आहिस्ता चल,

अभी काफी कर्ज चुकाना है,

अल्लाह को करना है राजी,

और गुनाहों को मिटाना है,

ख्वाबों को लिखना है और

रब को मनाना है।

कुछ इस कदर पाक हो रिश्ता 

तेरे मेरे दरमियां

जैसे तक़रीब-ए-ईद और 

माह-ए-रमजान का 

खुशियां नसीब हो-जन्नत नसीब हो

तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो।

कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का

मक्का और मदीना की जियारत नसीब हो।

आप सभी को रमजान मुबारक!

चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,

इबादत से भर जाए रोजा तुम्हारा।

हर नमाज हो कबूल तुम्हारी,

बस यही दुआ है खुदा से हमारी।

आपको और आपके परिवार को रमजान की मुबारकबाद!

 ऐ चांद उनको मेरा पैगाम कहना,

खुशी का दिन और हंसी की हर शाम कहना,

जब वो देखे बाहर आकर तो उनको मेरी तरफ से

मुबारक हो रमजान कहना!

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