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बी-2 स्पिरिट एक अमेरिकी स्टील्थ बमवर्षक विमान है, जिसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने विकसित किया है। इसे आमतौर पर बी-2 बॉम्बर के नाम से जाना जाता है। यह अपनी बेहतरीन स्टील्थ तकनीक, लंबी उड़ान रेंज और भारी हथियार ले जाने की क्षमता के लिए जाना जाता है।
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बी-2 बॉम्बर को पहली बार 1980 के दशक में डिजाइन किया गया था और यह 1997 में पूरी तरह से सेवा में आया। बी-2 का डिजाइन और इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली खास मेटल इसे रडार द्वारा पकड़े जाने से बचाती हैं। इसका फ्लाइंग-विंग डिजाइन और रडार-शोषक कोटिंग इसे लगभग अदृश्य बना देती हैं।
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यह 18 टन तक भारी हथियार ले जा सकता है, जिसमें परमाणु बम, पारंपरिक बम शामिल हैं। बिना ईंधन भरे यह विमान लगभग 11,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है, हवा में ईंधन भरने की क्षमता के साथ इसकी रेंज और भी बढ़ जाती है।
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बी-2 बॉम्बर्स दुनिया के सबसे महंगे विमानों में से एक है, जिसकी प्रति यूनिट लागत लगभग 2 बिलियन डॉलर है। इसे दो पायलट ऑपरेट करते हैं। यह विमान दो 15 टन के बंकर-बस्टर बम ले जा सकता है, जो केवल अमेरिका के पास हैं। इन्हीं से ईरान पर हमला हुआ है।
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बी-2 बॉम्बर्स को घातक और गुप्त हमलों के लिए डिजाइन किया गया है जो युद्ध में इसे गेम-चेंजर बनाता है। यह बेहद अहम लक्ष्य जैसे कमांड सेंटर, हवाई रक्षा प्रणालियां और बंकरों को नष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम है।
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बी-2 बॉम्बर्स का उपयोग कोसोवो युद्ध (1999), अफगानिस्तान (2001), इराक युद्ध (2003) और लीबिया (2011) में किया गया था। अब 14 साल बाद ईरान के परमाणु ठिकानों को खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ है।