Rajat sharma, INDIA TV
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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में मारने की साजिश हो रही है। इमरान खान की बहन अलीमा खान ने खुलासा किया है। अलीमा ने आरोप लगाया कि इमरान की ज़मानत की अर्ज़ी पर सुनवाई को जानबूझ कर टाला जा रहा है, इमरान को जेल में आम कैदियों को मिलने वाली सहूलियतें भी नहीं मिल रही हैं, परिवार वालों को इमरान से मिलने पर रोक लगा दी गई है, उनके वकीलों की जेल में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है।

इमरान की बहनें अलीमा खान और उज़मा खातून रावलपिंडी की अडियाला जेल पहुंची थी लेकिन उन्हें इमरान से नहीं मिलने दिया गया। अलीमा खान ने कहा कि जनरल आसिम मुनीर ने पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ लागू कर दिया है और न्यायपालिका पूरी तरह सरकार और फौज के इशारे पर चल रही है।

अलीमा ने कहा कि इमरान को जेल के एक मामूली cell में रखा गया है, जहां उन्हें कूलर जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं दी जा रही है। इमरान ख़ान अगस्त 2023 से जेल में हैं। पहले पार्टी के नेताओं और वकीलों को उनसे जेल में मिलने की अनुमति मिली हुई थी लेकिन अब इमरान से कोई नहीं मिल सकता। सबकी एंट्री बैन हो गई है। अलीमा ख़ान ने कहा कि हुकूमत की कोशिश है कि इमरान ख़ान के बारे में कोई खबर बाहर न आए, ताकि लोग धीरे धीरे लोग इमरान को भूल जाएं और सियासी तौर पर उनका पूरी तरह खात्मा हो जाय।

इमरान ख़ान को 2018 में फ़ौज ने ही चुनाव में जितवा कर पीएम बनाया था लेकिन उनके बुरे दिन 2022 में उस वक़्त शुरू हुए जब उस वक़्त के आर्मी चीफ जनरल क़मर जावेद बाजवा से इमरान की खटपट हो गई। फिर फौज की मदद से इमरान की सरकार गिरा दी गई। इसके बाद जब 9 मई 2022 को इमरान ख़ान को कोर्ट में पेशी से ठीक पहले गिरफ़्तार किया गया तो उनके समर्थकों ने पाकिस्तानी फ़ौज के मुख्यालय समेत पूरे मुल्क में फ़ौजी ठिकानों, यहां तक कि कैंटनमेंट इलाकों में आगजनी और तोडफोड़ की, जनरलों के घरों पर हमले किए। उसके बाद से ही इमरान ख़ान के बुरे दिन शुरू हो गए।

मई 2023 में इमरान पर घूसख़ोरी, फ़ौज के ख़िलाफ़ बग़ावत भड़काने, क़ानून तोड़ने और सरकारी कर्मचारियों के काम में ख़लल डालने जैसे क़रीब 200 मुक़दमे लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया। इमरान पर पंजाब और सिंध से लेकर बलोचिस्तान और ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह सूबे में केस दर्ज़ हैं।

कई मामलों में निचली अदालत से बेल मिलने के बाद, ऊपरी अदालत इमरान ख़ान की ज़मानत पर रोक लगा देती है। एक केस में ज़मानत होती है तो दूसरे में गिरफ्तार कर लिया जाता है।

इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी ने भी जेल में torture का इल्ज़ाम लगाया है। बुशरा बीबी की बहन मरियम रियाज़ वट्टू ने आरोप लगाया कि जेल में बुशरा की तबीयत ख़राब है लेकिन न उनको दवाएं मिल रही हैं, न खाना। मरियम ने बताया कि भयंकर गर्मी में बुशरा को बिना पंखे वाली कोठरी में रखा गया है और उनके साथ आम क़ैदी से भी बदतर सलूक किया जा रहा है। मरियम ने कहा कि बुशरा के खाने में भी रेत मिली होती है, पानी में मिट्टी मिला दी जाती है। बुशरा की बहन ने कहा कि कुछ दिनों पहले बुशरा बीबी जेल में बेहोश हो गई थीं, तो भी डॉक्टर को जेल में जाने की इजाज़त नहीं दी गई।

इमरान खान की बहन की ये बात सही है कि उन्हें और बुशरा बेगम को जेल में torture किया जा रहा है। ये बात भी सही है कि जनरल मुनीर इमरान खान को सियासी तौर पर खत्म करना चाहते हैं। इस मामले में, इस बात में भी जाने की ज़रूरत नहीं है कि इमरान पर कौन से केस हैं, क्या उन्होंने कोई गुनाह किया है या कोर्ट उन्हें bail क्यों नहीं देती। पाकिस्तान में ये सब बेकार की बातें हैं। वहां कोई system नहीं है। पाकिस्तान में सब कुछ फौज के नियंत्रण में है। फौज ने ही इमरान को बनाया, फौज ने ही इमरान को हटाया, आर्मी ने ही इमरान पर केस बनवाए, आर्मी ही अदालतों को कंट्रोल करती है, मन मुताबिक फैसले करवाती है।

आज जो इमरान के साथ हो रहा है, वो नवाज़ शरीफ के साथ भी हो चुका है। बस एक फर्क है, जेल जाने के बाद इमरान की लोकप्रियता बढ़ी है। अगर पाकिस्तान में आज स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हों, तो इमरान खान की भारी बहुमत से जीत होगी। लेकिन कहते हैं, “ना नौ मन तेल होगा, ना राधा नाचेगी”।

फौज जब तक चाहेगी, इमरान को जेल में रखेगी। अगर पब्लिक के बगावत करने का डर नहीं होता तो अब तक इमरान खान को मरवा दिया गया होता। इसलिए सब कुछ आसिम मुनीर के हाथ में है। इमरान की ज़िंदगी फील्ड मार्शल की दया पर है।

स्थानीय नेता अफसरों पर हाथ क्यों उठाते हैं?

मंगलवार को तीन अलग-अलग राज्यों से नेताओं की गुंडागर्दी की तस्वीरें आईं। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बीजेपी के पार्षद ने एडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर रत्नाकर साहू को पीट दिया। भुवनेश्वर नगर निगम ऑफ़िस में जनसुनवाई चल रही थी। एडिशनल कमिश्नर लोगों की परेशानियां सुन रहे थे। इसी दौरान भुवनेश्वर के वार्ड नंबर 29 के बीजेपी पार्षद अपरूप नारायण राउत अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और सीधे एडिशनल कमिश्नर से पूछा कि उन्होंने बीजेपी के एक नेता से बदतमीज़ी क्यों की। अफसर ने कहा कि उन्होंने कोई बदसलूकी नहीं की। इतना सुनते ही बीजेपी पार्षद आग बबूला हो गए, रत्नाकर साहू का गिरेबां पकड़ा और घसीटते हुए ऑफिस से बाहर ले आए और उनकी जमकर पिटाई की। बीजेपी के पार्षद और उसके गुर्गे देर तक एडिशनल कमिश्नर को पीटते रहे। बाद में जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तब पुलिस हरकत में आई और पार्षद सहित तीन लोगों के गिरफ्तार किया। शाम को प्रदेश बीजेपी ने पार्षद सहित पांच लोगों को पार्टी से निलम्बित कर दिया। पार्टी की तरफ़ से सभी नेताओं को चेतावनी भी दी गई कि कोई इस तरह की हरकत न करे, कानून अपने हाथ में न ले वरना सख्त कार्रवाई होगी।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सुखविंदर सुक्खू सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों की सरेआम उनकी पिटाई कर दी। ढल्ली थाना क्षेत्र में NHAI एक फ़ोर लेन हाइवे बना रहा है। ये इलाक़ा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आता है। भारी बारिश की वजह से एक चार मंज़िला इमारत गिर गई। बिल्डिंग के मालिक ने आरोप लगाया कि NHAI इस इलाक़े में बड़े पैमाने पर खुदाई कर रहा था, जिसके कारण उनका घऱ गिर गया।

शिकायत मिलने के बाद अनिरुद्ध सिंह अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने NHAI के प्रोजेक्ट मैनेजर अचल जिंदल और इंजीनियर योगेश की जमकर धुनाई की। NHAI के अधिकारियों का कहना था कि जो बिल्डिंग गिरी है वो हाइवे से 30 मीटर की दूरी पर है। इतना सुनते ही मंत्री भड़क गए। उन्होंने NHAI के अधिकारियों से गाली गलौज की, फिर प्रोजेक्ट मैनेजर और इंजीनियर की पिटाई की। पुलिस ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर ली है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। नितिन गडकरी ने सीएम से बात करके अफसरों की पिटाई करने वाले मंत्री के खिलाफ एक्शन और NHAI के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।

सत्ता की हनक दिखाई कानपुर में बीजेपी के MLC अरुण पाठक ने। ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर जश्न मनाने ग्रीन पार्क स्टेडियम में आर्मी और पॉलिटिशयन इलेवन के बीच एक फ्रेंडली मैच हुआ। अरुण पाठक भी ग्रीनपार्क पहुंचे लेकिन पुलिस ने अरुण पाठक के सुरक्षाकर्मी को हथियार के साथ स्टेडियम में घुसने की अनुमति नहीं दी। इसी बात पर MLC  भड़क गए। एक महिला IPS अफसर एडिशनल सीपी अंजलि विश्वकर्मा से तू-तू-मैं-मैं हुई। अंजलि विश्वकर्मा मौके से चली गईं लेकिन अरुण पाठक हंगामा करते रहे।

अफसरों के साथ मार-पिटाई के ये तीनों मामले स्थानीय नेताओं द्वारा अपनी दादागीरी दिखाने के हैं। अपने समर्थकों के सामने अपना बाहुबल दिखाने के हैं। पार्षद, MLC और मंत्री अफसरों को डांटकर, उन पर हाथ उठाकर अपनी अहमियत साबित करते हैं। 

ये बरसों से होता आया है। पहले ये मामले रफा-दफा हो जाते थे। अब नेताओं की हरकत मोबाइल में कैद हो जाती है। वीडियो फुटेज न्यूज़ चैनल्स तक पहुंच जाती है। इसलिए पार्टियों को एक्शन लेना पड़ता है। वजह जो भी हो, जो लोग सार्वजनिक जीवन में हैं, उनका अफसर पर हाथ उठाना गुनाह है। इसको लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए, सज़ा मिलनी चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 30 जून, 2025 का पूरा एपिसोड

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