प्रतीकात्मक फोटो
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27 जुलाई को यूपी में समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा की परीक्षा आयोजित होनी निर्धारित है। इन भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने देने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। बिना किसी गड़बड़ के इन परीक्षाओं के आयोजन के लिए पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और खुफिया एजेंसियों की इन पर पैनी नजर रहेगी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक एसटीएफ और पुलिस को समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने देने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। ये परीक्षाएं 27 जुलाई को राज्य के सभी 75 जिलों में एक ही शिफ्ट में सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आयोजित की जाएंगी।

2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए

परीक्षा में 10. 76 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। समूचे राज्य में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। सभी व्यवस्थाओं की निगरानी और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित निर्णय लेने के लिए हर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एसटीएफ को परीक्षा से पहले चिन्हित किए गए संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर विशेष रूप से नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। बयान के अनुसार राज्य सरकार ने परीक्षाओं की शुचिता को भंग करने वाले व्यक्तियों पर नजर रखने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। 

  • परीक्षा संबंधी अपराधों में पूर्व में शामिल और वर्तमान में जमानत पर बाहर रहने वालों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। 
  • एसटीएफ सोशल मीडिया मंचों– व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे निजी मैसेजिंग ऐप पर कड़ी नजर रखेगी। 
  • परीक्षा अवधि के दौरान समर्पित टीम कोचिंग संस्थानों पर भी नजर रखेंगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित एजेंसियों को त्वरित कार्रवाई के लिए दी जाएगी। 
  • हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी प्रतिबंधित वस्तु अंदर न ले जाई जाए। 
  • गोपनीय परीक्षा पत्रों को कोषागार से बाहर निकालने से लेकर परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाएं भेजने तक पूरी प्रक्रिया के दौरान सशस्त्र गार्ड और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
  • परीक्षा के दिन चयन आयोग और एसटीएफ के बीच समन्वय के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। 
  • इसके अलावा हर जिले में एक पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक सीधे व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे।

(इनपुट- पीटीआई)

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