
दो भागों में रिलीज होगी नितेश तिवारी की रामायण।
नितेश तिवारी के निर्देशन में बन रही ‘रामायण’ का पहला भाग दिवाली 2026 में रिलीज होगा। पिछले दिनों ही मेकर्स की ओर से फिल्म का फर्स्ट लुक टीजर जारी किया गया, जिसमें श्रीराम की भूमिका में रणबीर कपूर तो वहीं लंकापति रावण की भूमिका में साउथ सुपस्टार यश की झलक देखने को मिली। इसी के साथ मेकर्स ने लक्ष्मण और माता सीता की भूमिका निभा रहे कलाकारों के नाम से भी पर्दा उठा दिया। फिल्म में साई पल्लवी माता सीता की भूमिका में नजर आएंगी और रवि दुबे लक्ष्मण की। इस बीच रामायणः भाग 1 में भरत की भूमिका निभा रहे एक्टर के नाम से भी पर्दा उठ गया है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन हैं वो एक्टर, जो नितेश तिवारी की रामायण के भरत होंगे।
नितेश तिवारी की रामायण के भरत
रणबीर कपूर स्टारर रामायण में मराठी एक्टर आदिनाथ कोठारे भरत की भूमिका निभाएंगे और इसका खुलासा खुद एक्टर ने किया है। आदिनाथ कोठारे ने बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में बताया कि वह नितेश तिवारी के इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं और इसमें भरत की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने फिल्म में इस किरदार को लेकर अपनी खुशी भी जाहिर की।
रामायण में काम करने पर क्या बोले आदिनाथ कोठारे?
आदिनाथ कोठारे ने इसके बारे में बात करते हुए कहा- ‘ये मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है। ये भारत में बनी सबसे बड़ी फिल्म मे से है और दुनिया की भी। मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिला, इसके लिए मैं मुकेश छाबड़ा, नितेश तिवारी और नमित मल्होत्रा का आभारी हूं। उन्होंने मुझ पर भरोसा करके, मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। ये फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी और शानदार फिल्मों में से एक है और इसकी भव्यता को इतने नजदीक से देखना मेरे लिए बहुत ही खास है। ये एक ऐसा अनुभव है,जो कोई भी फिल्म स्कूल नहीं सिखा सकता है।’
कौन हैं आदिनाथ कोठारे?
आदिनाथ कोठारे की बात करें तो वह मराठी सिनेमा के जाने-माने एक्टर हैं और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता भी हैं। उनकी चर्चित फिल्मों की बात करें तो इनमें ‘अवताराची गोष्ठ’, ‘पानी’, ‘नीलकंठ मास्टर’ और ‘चंद्रमुखी’ हैं। उनकी पहली फिल्म ‘माझा चाकुला’ थी, जो 1994 में रिलीज हुई थी और इस फिल्म में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। उन्हें फिल्म पानी (2024) के लिए पर्यावरण संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था, जिसे व्यावसायिक और आलोचनात्मक दोनों दृष्टि से खूब सराहा गया।