
गिरफ्तार फर्जी CBI अफसर
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फर्जी सीबीआई अफसर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। फर्जी सीबीआई अफसर बनकर महिला को डिजिटल अरेस्ट करने वाले गैंग के सरगना चित्रांश और उसके दो साथी मोहन कुमार रावत और मोहम्मद जैद को लखनऊ पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। इन सभी की गिरफ्तारी लखनऊ से हुई है। इस गैंग ने 12 जुलाई को रीता भसीन नाम की महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 56 लाख रुपये हड़प लिए थे।
मुंबई के अंधेरी ईस्ट थाने में दर्ज हुई FIR
इस गैंग ने महिला को फोन करके कहा था कि उनके मोबाइल नंबर और आधार का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में किया गया है। इससे मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। इस मामले में उनके खिलाफ मुंबई में अंधेरी ईस्ट थाने में एफआईआर दर्ज है।
आरोपियों ने महिला को पुलिस वर्दी में था धमकाया
आरोपियों ने वीडियो कॉल करके जेल भेजने की धमकी दी थी। वीडियो कॉल में महिला को पुलिस वर्दी में धमकाया था। महिला को फर्जी अरेस्ट वारंट भेजा और गिरफ्तारी से बचने के लिए एकांत कमरे में रहने, वीडियो कैमरे के सामने परिवार के किसी और सदस्य के न आने को कहा गया।
जानिए किस तरह हड़पे 56 लाख?
महिला से कहा गया कि कोर्ट का आदेश है कि वो अपनी 99 फीसदी संपत्ति सुप्रीम कोर्ट के अकाउंट में ट्रांसफर करे। इस तरह से महिला से 56 लाख रुपये हड़प लिए थे। महिला से पांच अलग-अलग बैंकों में पैसा ट्रांसफर कराया गया।
मोबाइल फोन, डेबिट और क्रेडिट कार्ड बरामद
गिरफ्तार तीन लोगों ने 7 मोबाइल, 11 डेबिट कार्ड, 2 क्रेडिट कार्ड, 3 चेकबुक, ठगी से खरीदी गई थार गाड़ी, ठगी का 1,70,00 हजार रुपये बरामद हुआ है। इसी मामले में पुलिस ने 23 जुलाई को गैंग के तीन और मेम्बर्स को भी पकड़ा था।
इस मामले में जानिए क्या बोले पुलिस ऑफिसर?
इन्हीं के जरिए पुलिस गैंग के सरगना तक पहुंची। पुलिस अब गैंग के और लोगों की तलाश कर रही है। एडीसीपी क्राइम लखणऊ बसन्त कुमार ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट करने वालों को पूरी ट्रेनिंग दी जाती है।
जिनके बैंक में पैसा है, उनकी जानकारी गैंग को मिलती है। ये बुजुर्ग लोगो को ज्यादा टारगेट करते हैं।