
भारत में वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण अब केवल दिल्ली या मुंबई की समस्या नहीं रही। अब, यह हर भारतीय की सांसों में घुला खतरा बन चुका है। लैंसेट की नई रिपोर्ट ‘काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज’ के मुताबिक, वर्ष 2022 में वायु प्रदूषण के कारण देश में 17 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई। यह आंकड़ा 2010 की तुलना में 38% अधिक है। एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि दिल्ली नोएडा में प्रदूषण का स्तर खासतौर पर त्योहारों के बाद बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है। अक्टूबर महीने के बाद से ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की मार लगातार जारी है। ऐसे में इस रिपोर्ट का आना बेहद भयावह है।
कोविड से अधिक मौतें वायु प्रदूषण से हुईं
अक्टूबर 2025 में छपी लैंसेट की इस रिपोर्ट के मुताबिक़, PM 2.5 के बढ़ते स्तर से लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद गंभीर असर पड़ा है। इन 17 लाख मौतों में से 44% (लगभग 7.52 लाख) मौतों की वजह जीवाश्म ईंधनों (कोयला, पेट्रोल और गैस) का इस्तेमाल है। अकेले कोयले से 3.94 लाख मौतें, जबकि सड़क परिवहन में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल से 2.69 लाख मौतें दर्ज की गईं। एक्सपर्ट के अनुसार, 2022 में वायु प्रदूषण से हुई मौतें कोविड-19 से अधिक थीं जो इस खतरे की भयावहता को दिखाती हैं।
दिल्ली की हवा है सबसे ज़हरीली
इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के डेटा के अनुसार, दिल्ली में हर सात में से एक मौत वायु प्रदूषण से जुड़ी है, यानी करीब 15% लोगों की मौतें सीधे प्रदूषण के कारण हो रही हैं। यह ज़हरीली हवा दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, फेफड़ों के कैंसर और कई श्वसन रोगों का बड़ा कारण बन रही है। इसका दीर्घकालिक असर गर्भवती महिलाओं और अजन्मे शिशुओं पर भी दिखाई दे रहा है।
अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा बुरा प्रभाव
वायु प्रदूषण सिर्फ सेहत पर ही नहीं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाल रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में वायु प्रदूषण लगभग 339.4 अरब डॉलर (30 लाख करोड़) का नुकसान हुआ है जो देश के ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) का करीब 9.5% है।
अगर वायु प्रदूषण के खिलाफ तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट भविष्य में और गहराएगा और सांस लेना जोखिम भरा हो जाएगा।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
