
मोबाइल टावर रेडिएशन
अब आप घर बैठे मोबाइल टावर से निकलने वाले रेडिएशन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। दूरसंचार विभाग ने इसके लिए डेडिकेटेड पोर्टल लॉन्च किया है। DoT ने अपने आधिकारिक X हैंडल से इसकी जानकारी दी है। अगर, आप भी ये जानना चाहते हैं कि आपके घर के पास लगे मोबाइल टावर से कितना EMF (इलेक्ट्रोमैग्नैटिक फील्ड) रेडिएशन निकल रहा है, तो आप ये आसानी से पता लगा सकते हैं।
क्या है EMF रेडिएशन?
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड रेडिएशन मोबाइल टावर से निकलने वाली तरंगों को कहा जाता है। ये तरंगें हीं मोबाइल डिवाइस के संपर्क में आकर उसमें कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं। हालांकि, इन तरंगों को लेकर एक मिथ है कि ये इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, जबकि अब तक किसी भी रिसर्च में इसका प्रमाण नहीं मिला है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मोबाइल टावर से निकलने वाले EMF रेडिएशन के प्रभावों पर विस्तार से स्टडी की है, लेकिन इसमें ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि यह इंसानों के लिए नुकसानदायक है।
हालंकि, रेडिएशन के मानकों के मामले में भारत संभवतः एकमात्र ऐसा देश है, जिसमें अत्याधिक सावधानी के तौर पर मोबाइल फोन टावर से होने वाले रेडिएशन की सीमा के तौर पर INCNIRP द्वारा अनुशासित नियमों के 1/10वें स्तर के साथ-साथ मोबाइल हैंडसेट के लिए कठोरतम SAR वैल्यू अपनाई है। भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं कि इन मानकों कि निरंतर निगरानी, लागू कराने व कठोरता से पालन कराने का काम किया जाए।
जुर्माने का प्रावधान
EMF रेडिएशन के मानकों का पालन नहीं करने पर टेलीकॉम ऑपरेटर और सर्विस प्रोवाइडर्स से प्रति BTS 10 लाख रुपये तक जुर्माने या फिर साइट बंद करने का भी प्रावधान रखा गया है। मोबाइल टावरों की निरंतर निगरानी और ऑडिट की जाती है ताकि तय मानकों से ज्यादा EMF रेडिएशन उत्सर्जित न हो सके।
EMF रेडिएशन ऐसे करें पता
- इसके लिए भारत सरकार की वेबसाइट https://tarangsanchar.gov.in/emfportal पर जाएं।
- यहां आपको कुछ जानकारियां जैसे कि नाम, पता आदि दर्ज करना होगा।
- इसके बाद आप अपने लोकेशन को सेलेक्ट करके उससे निकलने वाले EMF रेडिएशन का पता लगा सकते हैं।
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