
आप की अदालत में अनुपम खेर
देश के लोकप्रिय टीवी शो ‘आप की अदालत’ में अनुपम खेर इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते नजर आए। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन के कुछ ऐसे पहलुओं पर बात की, जिसके बारे में बात करते-करते वह भावुकहो गए। अनुपम खेर ने आप की अदालत में बातचीत के दौरान अपने दिवंगत पिता की यादें भी साझा कीं और बताया कि कैसे वह उनकी हर छोटी-बड़ी उपलब्धि का जश्न मनाते थे और वह उनके सबसे बड़े प्रशंसक हुआ करते थे।
अनुपम खेर के सबसे बड़े फैन
जब रजत शर्मा ने पूछा कि क्या उनके पिता उनकी फिल्में देखते थे, तो अनुपम खेर ने जवाब में कहा- “मेरे पिता मेरे सबसे बड़े फैन थे… वह मेरी सबसे खराब फिल्मों की भी तारीफ करते थे। उन्हें हवाई जहाज पसंद नहीं था, वह ट्रेनों में सफर करते थे और सफर के दौरान अपने कम्पार्टमेंट में लोगों से कहते थे, अनुपम खेर मेरा बेटा है। उनके को-पैसेंजर्स उनकी बात पर विश्वास नहीं करते थे। लोगों में एक साइकोलॉजिकल भावना होती है कि इतने फेमस एक्टर के पिता ट्रेन में यात्रा क्यों करेंगे?’
पिता का संदूक
खेर ने बताया, “मेरे पिता के पास एक बड़ा टिन का डिब्बा (संदूक) था। इस संदूक को खोलने की इजाजत किसी के पास नहीं थी। जब 20 फरवरी, 2012 को मेरे पिता का निधन हुआ, तो हमने डिब्बा खोला और पाया कि उसमें अखबारों और मैग्जीन की मेरी सारी प्रेस क्लिपिंग, मेरे कार्ड, मेरी ट्रॉफियां थीं। वह मेरे बारे में सबसे बुरी समीक्षाओं को भी अंडरलाइन कर देते थे। मेरे लिए मेरे पिता की मोहब्बत मेरे लिए।”
पिता के अंतिम दिनों को याद कर भावुक हुए अनुपम खेर
अपने पिता के अंतिम दिनों के बारे में पूछे जाने पर, अनुपम खेर ने कहा- “मेरे पिता को अजीब सी बीमारी हुई। वो भूखे चले गए। उनके लिए, भोजन रेत की तरह था और पानी तेजाब की तरह। वह बहुत कमजोर हो गए थे। डॉक्टरों ने हमें उन्हें घर ले जाने की सलाह दी। मैं डेविड धवन के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए गोवा पहुंचा तब मेरे भाई ने मुझे फोन किया और मुझे तुरंत आने के लिए कहा। मैंने तुरंत फ्लाइट पकड़ी, और जब मैं घर पहुंचा, तो मैंने अपने पिता को बिस्तर पर लेटे हुए देखा। वे कलम और कागज को अपनी छाती पर रखे हुए। बहुत कमजोर हो गए थे।’
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