स्टॉकिस्ट की ताजा खरीदारी के कारण बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 700 रुपये बढ़कर 98,520 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। इस तरह सोने में पिछले 5 दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला रुक गया। मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 97,820 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बुधवार को 650 रुपये बढ़कर 98,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गयी। पिछले बाजार बंद के समय यह 97,550 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। सर्राफा संघ के अनुसार, बुधवार को चांदी की कीमतें 1,000 रुपये बढ़कर 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गईं। मंगलवार को यह 1,13,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही थी।
रुपये में भारी गिरावट का असर
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि रुपये में भारी गिरावट के चलते घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में अच्छी बढ़त देखी गई। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के कारण रुपये में गिरावट आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक अगस्त की समयसीमा से पहले लगभग 20-25 प्रतिशत शुल्क दरों के संकेत देने के बाद भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के चलते बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 52 पैसे गिरकर 87.43 (अस्थायी) पर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना 3,330.33 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर कारोबार कर रहा था।
निवेशक आर्थिक आंकड़ों का कर रहे इंतजार
कोटक सिक्योरिटीज में एवीपी, जिंस शोध कायनात चैनवाला ने कहा कि सोना स्थिर रुख के साथ कारोबार कर रहा है, क्योंकि निवेशक अमेरिका के प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े, एडीपी रोजगार, लंबित घरेलू बिक्री और फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) का ब्याज दर का निर्णय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि फेडरल रिजर्व द्वारा दरों को अपरिवर्तित रखने की व्यापक उम्मीद है, बाजार, खासकर तीव्र राजनीतिक दबाव और मिश्रित आर्थिक संकेतों के बीच नीतिगत दृष्टिकोण पर मार्गदर्शन की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हालांकि, विदेशी बाजारों में हाजिर चांदी गिरावट के साथ 38.09 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
फेडरल की टिप्पणी पर निवेशकों की नजर
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा कि निवेशक किसी भी भविष्य के संकेत के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की टिप्पणी पर भी बारीकी से नज़र रखेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जीडीपी के आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती के बारे में नई जानकारी प्रदान करेंगे और संभावित रूप से आगे चलकर फेडरल रिजर्व के रुख को प्रभावित करेंगे।