
एयर इंडिया प्लेन क्रैश (फाइल फोटो)
लंदन: अहमदाबाद में हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान में अपने परिजनों को खोने वाले ब्रिटेन के एक परिवार को अब भी अपने लोगों के अवशेषों का इंतजार है। गत 12 जून को यह प्लेन अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटना का शिकार हो गया था। इसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें ब्रिटेन का भी एक परिवार फ्लाइट में सवार था। अब उनके परिजन अपनों के अवशेषों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि डीएनए मिलान की पुष्टि होने के बाद उनको भी अवशेष सौंप दिए जाएंगे।
भारत-ब्रिटेन में हुई बात
ब्रिटिश नागरिकों के शवों का अवशेष सौंपने के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच उच्च-स्तरीय सरकारी वार्ता हो चुकी है। इसके बाद उम्मीदें बढ़ गई हैं। विमानन विशेषज्ञों के साथ मिलकर हादसे में प्रियजनों को खो चुके कई परिवारों की मदद करने वाली कीस्टोन लॉ ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने की अपील की है।
पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भी हुई थी अपील
इससे पहले पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट ने पुष्टि की थी कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने द्विपक्षीय बातचीत के दौरान एयर इंडिया विमान दुर्घटना का मुद्दा उठाया था। यह बातचीत यूके मीडिया में कुछ अवशेषों के गलत लेबलिंग और गलत पहचान की खबरों की पृष्ठभूमि में हुई थी। कीस्टोन लॉ के विमानन साझेदार जेम्स हीली-प्रैट ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज के चलते ब्रिटेन और भारत सरकार के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि डीएनए मिलान वाले कुछ अवशेष अब भारत में मिल गए हैं। पुष्टि की प्रतीक्षा है।”
मारे गए कुल लोगों में 52 थे ब्रिटिश नागरिक
विमान हादसे में मारे गए कुल 241 यात्री और क्रू सदस्यों में 52 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। भारत से यूके भेजे गए 12 शव ताबूतों में से दो की गलत पहचान पाई गई थी। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए जोर दिया था कि “सभी मृत शरीरों को अत्यंत पेशेवर तरीके से और मृतकों की गरिमा का ध्यान रखते हुए संभाला गया।” मंत्रालय ने यह भी कहा कि वे यूके अधिकारियों के साथ मिलकर इस मुद्दे से जुड़े किसी भी चिंता का समाधान करने के लिए कार्यरत हैं।
गलत अवशेषों के मिलने से चिंतित परिवार
कीस्टोन लॉ ने कहा कि 12 में से दो ताबूतों की गलत लेबलिंग, गलत हैंडलिंग और गलत पहचान की गई थी यानी 15% की त्रुटि दर है। यदि यही अनुपात सभी पर लागू हो तो 40 अवशेषों के गलत पहचान की संभावना बनती है। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर दिया है। लंदन में पिछले महीने ब्रिटिश पीड़ितों की मौत की जांच शुरू की गई थी, जिसे आगे के लिए स्थगित कर दिया गया है। पहचान की प्रक्रिया यूके के वरिष्ठ कोरोनर की निगरानी में की जा रही है।