प्रदर्शन करते छात्र- India TV Hindi
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प्रदर्शन करते छात्र

लेहः लद्दाख़ को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किया है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी दफ्तर में आगजनी की कई है। हिंसक झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हैं। हिंसक प्रदर्शन के बाद लेह में धारा 163 लागू कर दी गई है। एक साथ पांच या उससे ज़्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। बिना इजाज़त के जुलूस या प्रदर्शन पर भी पाबंदी है।

एलजी बोले हिंसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

वहीं, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने लेह शहर में हुई हिंसक घटना की कड़ी निंदा की है, जिसमें चार लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। उपराज्यपाल ने दुखद मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की। एलजी ने कहा कि किसी भी रूप में हिंसा अस्वीकार्य है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

आगजनी में 30 लोग घायल

एक अधिकारी ने बताया कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की और बीजेपी कार्यालय और कई वाहनों पर हमला किया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि झड़पों में चार लोग मारे गए और 30 अन्य घायल हो गए। 

सोनम वांगचुक ने तोड़ा अनशन

हिंसक प्रदर्शन के बाद सोनम वांगचुक ने 15 दिनों का अनशन तोड़ दिया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण रास्ते का प्रयास विफल हुआ है। 

लद्दाख में भारी संख्या में CRPF तैनात

लद्दाख की हालात को स्थिर करने के लिए CRPF की चार कंपनियों (कुल मिलाकर 4 सौ जवान मौजूद हैं ) को कश्मीर से लद्दाख भेजा गया। इससे पहले CRPF की सात कंपनियां लद्दाख में पहले से ही तैनात है जिसमें कुल मिलाकर 700 जवान हैं।

 हिंसा के बाद लेह में धारा 163 लागू

हिंसक प्रदर्शन के बाद बुधवार को प्रशासन ने लद्दाख के लेह जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। निषेधाज्ञा के तहत पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने निषेधाज्ञा आदेश जारी कर कहा कि इस आदेश का कोई भी उल्लंघन होने पर बीएनएस की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने कहा कि बीएनएसएस की धारा 163 के तहत सक्षम प्राधिकारी की पूर्व लिखित स्वीकृति के बिना कोई जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जायेगा। डोंक ने कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति वाहन पर लगे लाउडस्पीकर या अन्य लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करेगा। कोई भी ऐसा बयान नहीं देगा जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका हो और जिससे जिले में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो।

इनपुट- भाषा

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