
प्रशांत किशोर और सम्राट चौधरी
जन सुराज पार्टी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को पद से हटाने की मांग को लेकर बुधवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने हाल में सम्राट पर गंभीर आरोप लगाए थे।
“राज्यपाल खुद नहीं मिले”
जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती और किशोर कुमार मुन्ना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा। सिंह ने बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “हमने बाकायदा समय लेकर मुलाकात करने गए थे, लेकिन अफसोस की बात है कि राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने स्वयं नहीं मिले। उनकी ओर से प्रधान सचिव ने ज्ञापन लिया।”
उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि सम्राट चौधरी को हटाया जाए, क्योंकि उनका पद पर बने रहना संविधान का मजाक है। इस बाबत हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है, जो खुद को सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी का प्रबल समर्थक बताते हैं।”
जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, “हमें नीतीश कुमार की सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। यदि प्रधानमंत्री या राज्यपाल की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो हम अंतिम विकल्प के रूप में अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।”
सम्राट चौधरी पर लगे आरोप
यह पूरा मामला प्रशांत किशोर द्वारा दो दिन पहले किए गए आरोपों से शुरू हुआ है। किशोर ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 1995 में दर्ज हत्या के एक मुकदमे से बचने के लिए अदालत में यह दस्तावेज दाखिल किया था कि उस समय वह नाबालिग थे।
“गिरफ्तार कर दोबारा मुकदमा चले”
जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि चौधरी का यह दावा 2020 में विधान परिषद चुनाव के समय दाखिल किए गए उनके शपथ पत्र से झूठा साबित होता है, जिसमें उनकी उम्र 51 वर्ष बताई गई थी। उन्होंने ने कहा, “इस तरह हत्या की घटना के समय सम्राट चौधरी करीब 20-25 साल के थे। उन्हें गिरफ्तार कर दोबारा मुकदमा चलाया जाना चाहिए और जब तक अदालत से बरी नहीं होते, तब तक जेल में रखा जाना चाहिए।” (इनपुट- भाषा)
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